जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है और दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में हमले के शिकार एक कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने से रोका गया है।उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया कि सरकार कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में यहां के राजनीतिक दलों और कश्मीर की बहुसंख्यक आबादी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है।
मुफ्ती का ट्वीट

उन्होंने श्रीनगर में गुप्कर रोड पर अपने आवास के गेट पर एक पुलिस वाहन की एक तस्वीर भी पोस्ट की।मुफ्ती ने कहा, आज घर में नजरबंद रखा गया क्योंकि मैं शोपियां में हमले के शिकार कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने जाना चाहती थी। भारत सरकार जानबूझकर कश्मीरी मुख्यधारा और पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार मुसलमानों के बारे में फर्जी प्रचार फैलाती है और नहीं चाहती कि इस फर्जी विभाजनकारी कहानी का पदार्फाश हो।
यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि विभाजन और घृणा के बीज बोने से किसे राजनीतिक रूप से फायदा होगा।
30 साल से कश्मीर में रह रहे थे बाल कृष्ण भट्ट
बता दें कि जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने 4 अप्रैल को एक कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू पर फायरिंग की थी। उन्हें 3 गोलियां लगी थीं। गंभीर हालत में सोनू को श्रीनगर के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पेशे से मेडिकल स्टोर संचालक बाल कृष्ण भट्ट ने कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के दौरान भी घाटी नहीं छोड़ी थी। वे पिछले 30 साल से कश्मीर में रह रहे थे।
मुफ्ती का ट्वीट

उन्होंने श्रीनगर में गुप्कर रोड पर अपने आवास के गेट पर एक पुलिस वाहन की एक तस्वीर भी पोस्ट की।मुफ्ती ने कहा, आज घर में नजरबंद रखा गया क्योंकि मैं शोपियां में हमले के शिकार कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने जाना चाहती थी। भारत सरकार जानबूझकर कश्मीरी मुख्यधारा और पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार मुसलमानों के बारे में फर्जी प्रचार फैलाती है और नहीं चाहती कि इस फर्जी विभाजनकारी कहानी का पदार्फाश हो।
यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि विभाजन और घृणा के बीज बोने से किसे राजनीतिक रूप से फायदा होगा।
30 साल से कश्मीर में रह रहे थे बाल कृष्ण भट्ट
बता दें कि जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने 4 अप्रैल को एक कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू पर फायरिंग की थी। उन्हें 3 गोलियां लगी थीं। गंभीर हालत में सोनू को श्रीनगर के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पेशे से मेडिकल स्टोर संचालक बाल कृष्ण भट्ट ने कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के दौरान भी घाटी नहीं छोड़ी थी। वे पिछले 30 साल से कश्मीर में रह रहे थे।
