राज्यसभा से विदाई लेने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के तीन दिवसीय दौरे का आज दूसरा दिन है। आजाद समेत आज G -23 में शामिल कांग्रेस के बड़े बागी नेता गांधी ग्लोबल फैमिली के कार्यक्रम में जुटे। हालांकि कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह गैर-राजनितिक है। आजाद ने आज दिल्ली से आए कई बड़े नेताओं का स्वागत किया।
शांति सम्मेलन नाम से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘यह सच्चाई है कि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। इसलिए हम लोग यहां जुटे हैं। हम इससे पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाना है।’
गुलाम नबी आज़ाद की राज्यसभा से विदाई को लेकर सिब्बल ने कहा कि ‘आजाद एक ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की हकीकत और उसकी ताकत के बारे में जानते हैं। हमें दुख हुआ, जब यह पता चला कि वह अब संसद में नजर नहीं आएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह संसद से जाएं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है।’
कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद की तुलना पार्टी के एक इंजीनियर से करते हुए कहा, गुलाम नबी आज़ाद साहब की असली भूमिका क्या है? विमान उड़ाने वाला व्यक्ति एक अनुभवी व्यक्ति होता है। एक इंजीनियर इंजन में किसी खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में उसका साथ देता है। गुलाम नबी जी को इंजीनियर होने का अनुभव है।
हमारी आवाज पार्टी की बेहतरी के लिए : आनंद शर्मा
कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने अपने बयान में कहा, 1950 के बाद कभी ऐसा अवसर नहीं आया जब राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर का कोई प्रतिनिधि न हो। इसे सुधारा जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हमारी आवाज पार्टी की बेहतरी के लिए है। इसे एक बार फिर से हर जगह मजबूत किया जाना चाहिए। नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। हमने कांग्रेस के अच्छे दिन देखे हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हम इसे कमजोर होते देखना नहीं चाहते हैं।
मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं : आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी। उन्होंने काह, मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं।
शांति सम्मेलिन में शामिल हुए अभिनेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रह चुके राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें G-23 कहते हैं, लेकिन मैं हमें गांधी 23 कहता हूं, महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश का कानून और संविधान बना। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है। उऩ्होंने अपने मकसद को सामने रखते हुए कहा कि ‘जी 23’ चाहती है कि कांग्रेस मजबूत हो।