देश में 2004 से लेकर 2018 के बीच हुए 47 आतंकी हमलों में कुल 864 नागरिक मारे गए और 29 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इसमें जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर के आंकड़े शामिल नहीं हैं और न ही वामपंथी उग्रवादी हिंसा के। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन घटनाओं में 3202 नागरिक और 44 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, सर्वाधिक नौ आतंकवादी घटनाएं 2008 में हुईं जिनमें 306 नागरिक मारे गए और 18 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। कुल 833 नागरिक घायल हुए थे। इसमें 26 नवंबर को मुंबई पर हुआ आतंकी हमला शामिल है जिसमें 166 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए।
एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने यह जानकारियां दी हैं। आतंकवाद की घटनाओं में मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर साल 2006 है जिसमें चार हमलों में 238 नागरिक मारे गए थे और 1266 घायल हुए थे। इस साल सबसे बड़ी आतंकी घटना 11 जुलाई को हुई थी जिसमें चंद मिनटों के अंदर मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों में सात बम विस्फोट हुए थे जिनमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे और सात सौ घायल हुए थे।
साल 2007 में आतंकवाद की छह घटनाओं में कम से कम 141 नागरिक मारे गए थे और 236 घायल हुए थे। वर्ष 2005 में पांच आतंकी हमलों में 67 नागरिक मारे गए थे और 244 जख्मी हुए थे। साल 2011 में चार आतंकी हमलों में 42 नागरिकों की मौत हुई थी और 210 जख्मी हुए थे।
2013 में चार आतंकी हमले हुए थे। इनमें 23 नागरिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इनमें 230 लोग घायल भी हुए थे। साल 2010 में आतंकवादियों ने चार हमले किए थे। इनमें 19 नागरिकों की मौत हुई थी और 106 जख्मी हुए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2004 में आतंकी हमलों की दो घटनाओं में 17 नागरिक मारे गए थे और 22 अन्य जख्मी हुए थे।
साल 2014 में तीन आतंकी हमले हुए थे जिनमें चार नागरिकों की मौत हुई थी और 18 घायल हुए थे। साल 2015 में आतंकवादी हमले की एक घटना हुई थी और इसमें तीन नागरिक मारे गए थे और चार सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। 10 नागरिक और सात सुरक्षाकर्मी इस हमले में घायल हुए थे।
मंत्रालय ने इस एक हमले का विवरण नहीं दिया है लेकिन यह साफ तौर 27 जुलाई 2010 को पंजाब के गुरदासपुर में तीन आतंकियों द्वारा पहले एक बस और फिर एक पुलिस थाने पर हमले की वारदात थी। हमले में मारे गए लोगों में एक पुलिस अधीक्षक भी शामिल थे। यह हमला 12 घंटे तक चला था जिसके बाद तीनों आतंकी मार गिराए गए थे।
वर्ष 2016 में भी एक ही आतंकी हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और एक नागरिक की मौत हुई थी। इस हमले में 37 सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए थे। यह वारदात एक जनवरी को हुई थी जब आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट में एयरबेस पर आत्मघाती हमला किया था।
साल 2018 में एक आतंकी हमले में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी और 23 अन्य घायल हुए थे। साल 2012 में आतंकवाद की दो घटनाओं में तीन नागरिक जख्मी हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2009 और 2017 में आतंकवाद की एक भी वारदात नहीं हुई थी। इसी तरह मौजूदा साल में भी अभी तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।