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नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की 114वीं जयंती, चंद कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

मसूदी ने पत्रकारों से कहा कि राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी ने घाटी में हालात सामान्य होने की बात को झूठा साबित कर दिया है।

नेशनल कांफ्रेंस के चंद कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 114वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दशकों बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने कम कार्यकर्ताओं ने अब्दुल्ला की जयंती मनाई। 
पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों को जमा होने से रोकने के लिये यहां हजरत बल में स्थित शेख अब्दुल्ला के मकबरे के दरवाजे के बाहर कंटीले तार लगा रखे थे, लेकिन पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को अंदर जाने की इजाजत मिली, जिन्होंने एक-एक कर वहां जाकर प्रार्थना की।
दक्षिण कश्मीर से सांसद हसनैन मसूदी पार्टी की ओर से एकमात्र वरिष्ठ नेता रहे, जिन्होंने फातेहा (विशेष प्रार्थना) पढ़ी। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला की जयंती पर हर साल बड़ी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश करने मकबरे पर एकत्रित होते थे। इसके अलावा आठ सितंबर को उनकी पुण्यतिथि पर भी भारी तादाद में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचते थे।
इस बार पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त कर विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद से नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं को नजरबंद रखा गया है। मसूदी ने पत्रकारों से कहा कि राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी ने घाटी में हालात सामान्य होने की बात को झूठा साबित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘अब्दुल्ला की जयंती पर प्रतिबंध अपनी कहानी बयां करता है। यह देश के लोगों को उस सामान्य स्थिति के बारे में बताता है जिसका दावा किया जा रहा है। क्या इस तरह के प्रतिबंध होने चाहिए? क्या अब्दुल्ला के बेटे (फारूक अब्दुल्ला) और उनके पोते (उमर अब्दुल्ला) को इस दिन यहां नहीं होना चाहिए?

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