आतंकवाद संसार के सारे सुखों को नरक में बदल देता है। आतंकियों ने हर देश में अपने पैर जमा लिए हैं। कुछ देशों में तो आतंकियों को खुली छूट मिली है वहीं कुछ देशों में अवैध तरीके से घुसपैठ करते हैं। दुनिया के तमाम देश आतंकवाद के साए में जी रहे हैं। आतंकवाद को मिटाने के लिए विश्व के लगभग सभी देश एकसाथ आ गये हैं। लेकिन इन देशों की कथनी और करनी बिलकुल अलग दिखाई देती है। मौत के इन सौदागरों को लेकर पूरे विश्व में अभी तक कोई प्रभावी नियम नहीं बनाया जा सका है।
आपको बता दे कि आज आतंकवाद का ये शैतान इतना बड़ा हो चुका है कि आतंकवाद की जब बात होती है तो एकाएक आपके रोंगटे खड़े हो जाते है। आखिर क्यों ये लोग मौत के सौदागर बने रहते है। इनका काम सिर्फ दहशत फैलाना होता है क्योंकि आम इंसान इनसे डर जाता है।
इस बीच आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां आतंकवादियों से परेशान होकर गांव वालों ने उनको पकड़कर कुत्तों को खिलाना शुरु कर दिया है। जीं हां , ये बिल्कुल सही बात है। आपको बता दें कि ये बात किसी विदेश के गांव की नहीं बल्कि भारत के कश्मीर की है। कश्मीर के काका हिल गांव के ग्रामीणों ने ऐसा करना शुरु कर दिया है। जो कि अपने आप काबिले तारीफ बात है।
आपको बता दें कि इस गांव के लोग लगातार आतंकियों की घुसपैठ से परेशान हो चुके थे। आतंकवादियों नें इन लोगो का जीना हराम कर दिया था। इस कारण गांव वालों नें सबकुछ छोड़कर इनसे लड़ने का मन बना लिया। गांव वालों ने अपना और अपने साथियों के दिमाग से आतंकियों का डर निकाल फेंका।
इस गांव की एक कहानी ये भी है कि यहां पर मूसा नाम का एक आतंकवादी रहता था जो पूरे गांव में अपना डर फैला रहा था और लोगों को मार भी देता था। एक बार गांव वालों और मूसा के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें गांव वालों नें मूसा को मार गिराया। इस आतंकवादी के मरने के बाद लोगों ने उसको अपने गांव की कब्रिस्तान में दफनाने से मना कर दिया और उसकी लाश को कुत्तों के हवाले कर दिया।
इस गांव के लोगों ने बताया कि साल 2003 में आतंकियों ने नवजवानों को जिहाद के नाम पर आतंकी बनने को कहा और जब उन्होंने मना किया तो उन लोगों नें लाखों रुपए देने का वादा भी किया लेकिन गांव वालों ने ऐसा करने से मना कर दिया। तंग आकर यहां के गुज्जर समुदाय के लोगो ने जम्मू पीस मिशन के नाम पर एक ग्रुप तैयार किया और आतंकियों के खिलाफ लड़ना शुरु किया। इसके बाद वहां पर जितने भी आतंकियों नें डेरा बना कर रखा था सबको वहां से भागना पड़ा।
कश्मीर का ये गांव पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है। यही कारण है कि छिपकर आतंकियों को यहां से निकलने में आसानी होती थी। जिस कारण वो लोग इसको अपना निशाना बनाते थे।
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