नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कश्मीरी नेताओं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कठोर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के प्रावधान लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर पर सोमवार को निशाना साधते हुए कहा कि जिसने भी इन दस्तावेजों को तैयार किया है, उसे बर्खास्त करके कानून पढ़ने भेज देना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के लोगों पर ‘‘प्रभाव’’, चुनाव बहिष्कार के आह्वान के बावजूद लोगों को मतदान केन्द्रों तक खींच लाने की उनकी क्षमता और किसी भी उद्देश्य के लिए जनता की ऊर्जा का उपयोग करने की क्षमता को पीएसए के तहत उनकी हिरासत का आधार बताया गया है।
उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता महबूबा मुफ्ती पर देश-विरोधी बयान देने और राज्य में जमात-ए-इस्लामिया जैसे संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। यह संगठन गैरकानूनी गतिविधियां (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित है।
पूर्व केन्द्रीय वित्तमंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘जिसने भी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखने के आधार का दस्तावेज तैयार किया है उसे नौकरी से बर्खास्त करके कानून पढ़ने भेज देना चाहिए।’’