जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासन के बाद संविधान के अनुच्छेद 35ए के खिलाफ उठ रही सभी आवाजें शांत हो जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर आए सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे राज्य के लोगों की भावनाएं आहत हों।
This is a very important statement from the Union Home Minister. His assurance will go a long way towards silencing the noises against 35-A. https://t.co/42lMiqLL4t
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 11, 2017
उन्होंने कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 35ए को विधिक चुनौती देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और न ही अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर से बाहर के लोगों को राज्य में अचल सम्पथि लेने से रोकता है। राजनाथ सिंह ने कहा, इस बारे में किसी तरह की अटकल या आशंका की कोई वजह नहीं है। इसे बिना वजह मुद्दा बनाया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है, हम अदालत में भी नहीं गए हैं। मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं केवल अनुच्छेद 35ए के बारे में ही बात नहीं कर रहा हूं, हमारी सरकार जो भी करती है, हम यहां के लोगों की भावनाओं के खिलाफ कुछ भी नहीं करेंगे। हम उसका सम्मान करते रहेंगे।
राजनाथ द्वारा यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद उमर ने ट्वीट किया, यह केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से एक बहुत ही महत्वपूर्ण बयान है। उनका आश्वसन 35ए के खिलाफ उठ रही आवाजों को शांत करने में काफी महत्वपूर्ण होगा। उमर ने कहा कि केंद्र को अनुच्छेद 35ए का बचाव करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जवाबी हलफनामा दायर करना चाहिए।
The Union government must now file a counter affidavit in the Supreme Court to defend 35-A. That is the way to carry this assurance forward. https://t.co/yo3QmOCNI5
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 11, 2017