जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद आतंकवादियों के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली गई है। ऑपरेशन ऑल आउट अभियान को सख्ती से आगे बढ़ाने के बीच अब सरकार ने नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) को राज्य में आतंकवाद निरोधक ग्रिड में शामिल करने का फैसला किया है।
एनएसजी विशेष परिस्थितियों में न सिर्फ आतंकवादियों से सीधा लोहा लेगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ को सघन आबादी वाले क्षेत्रों में आतंकियों से मुकाबले के लिए प्रशिक्षित भी करेगा।
सूत्रों के मुताबिक आतंकवाद निरोधक ग्रिड में एनएसजी को शामिल करने का प्रस्ताव अरसे से लंबित था। जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार के कारण केंद्र सरकार इस पर अंतिम फैसला नहीं कर पा रही थी। मगर अब पीडीपी-भाजपा के सियासी तलाक के बाद सूबे में लगे राज्यपाल शासन के कारण केंद्र सरकार सियासी मजबूरियों के दबाव से बाहर आ गई है। गृह मंत्रालय ने एनएससी को न सिर्फ आतंकवाद निरोधक ग्रिड में शामिल करने की मंजूरी दी है, बल्कि जरूरत पडने पर आतंकी मुठभेड़ के दौरान मौके पर मोर्चा संभालने देने का भी फैसला किया है।
बता दें कि घाटी में इस समय कुल करीब 205 आतंकी मौजूद हैं। अमरनाथ यात्रा साउथ कश्मीर के उस एरिया से निकलती है, जहां इस समय सबसे ज्यादा आतंकियों की संख्या है। सूत्रों के मुताबिक, घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज होने की बौखलाहट में लश्कर और जैश के आतंकी साथ मिलकर अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने की फ़िराक में हैं। घाटी में इस समय 102 हिजबुल मुजाहिद्दीन के लोकल आतंकी के साथ-साथ 47 लश्कर और 11 जैश के लोकल आतंकी मौजूद हैं। जो कश्मीर के जंगलों में ट्रेनिंग लेकर यात्रा पर हमला करने की कोशिश कर सकते हैं।
जम्मू- कश्मीर में 450 आतंकी घुसपैठ की तैयारी में हैं। यह खुलासा खुफिया रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर में तबाही मचाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के 450 आतंकियों को ‘पीओके’ के लॉन्च पैड पर इकट्ठा किया है। सूत्रों के मुताबिक, घुसपैठ के लिए 11 नए लॉन्च पैड भी सक्रिय किए गए हैं। ”आजतक” के पास मौजूद इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा से पहले बड़े धमाके करने की फिराक में हैं।
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