कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अमरनाथ की यात्रा को इस वर्ष भी रद्द किए जाने पर शिव भक्त सामाजिक और धार्मिक संगठन नाराज हो गए और अब इसके विरोध में स्वर मुखर होने लगे हैं। यात्रा रद्द किये जाने पर देशभर के सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों की एक आवश्यक बैठक चंडीगढ़ में हुई जिसमें आगामी रणनीति बनाई गई।
बैठक को लेकर अमरनाथ यात्रा के संस्थापक गुरदयाल मेहता ने बताया कि सरकार की ओर से पूर्व की भांति एक बार फिर अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। यात्रा रद्द होने से शिव भक्तों में रोष है। उन्होंने श्राइन बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब संक्रमण पूरे चरम पर था तो अगर उस समय नेताओं की राजनीतिक रैलियां आयोजित की जा सकती हैं तो इस समय तो कोरोना संक्रमण दर काफी नीचे आ गई है तो अमरनाथ यात्रा क्यों नहीं आयोजित की जा सकती है।
उन्होंने सवाल किया कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है। श्राइन बोर्ड ने पहले भंडारे लगाने की अनुमति दी थी लेकिन इसे भी अब रद्द कर दिया गया है। देशभर की संस्थाएं इस फैसले के खिलाफ हैं और बहुत जल्द सरकार के खिलाफ लामबंद होने जा रही हैं। उन्होंने बताया कि देशभर की संस्थाओं के प्रतिनिधि सभी राज्यों के राज्यपालों से मिलकर इस मुद्दे पर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। अगर इसके बाद भी अमरनाथ यात्रा नहीं खोली गई तो शिव भक्त और संस्थाओं से जुड़ लोग सड़कों पर उतरेंगे।