केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर में शांति की बहाली पर जोर दिया और कहा कि सामान्य स्थिति की राह में बाधा बनने वाले तत्वों से निपटने के लिए आतंकवाद रोधी उपायों का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाए। राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन बीजेपी अध्यक्ष शाह ने जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ यहां एकीकृत मुख्यालय की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
एकीकृत मुख्यालय राज्य में शीर्ष आतंकवाद विरोधी ग्रिड है। इसमें सिविल, सैन्य, अर्धसैनिक, राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा बैठक में गवर्नर के सलाहकार के. विजय कुमार, मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यन, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और अर्धसैनिक बलों और राज्य व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
जम्मू एवं कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना के नेतृत्व में राज्य के बीजेपी नेताओं ने भी शाह से मुलाकात की। केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद शाह जम्मू एवं कश्मीर की अपनी पहली यात्रा पर हैं। अमित शाह ने ग्राम पंचायतों के सदस्यों, आदिवासी गुर्जरों के प्रतिनिधिमंडल, आतंकवाद से प्रभावित बकरवाल समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की।
इससे पहले, गृह मंत्री ने मारे गए स्थानीय पुलिस अधिकारी अरशद खान के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। 12 जून को अनंतनाग जिले में एक आत्मघाती आतंकी हमले में अरशद खान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : राजनाथ सिंह
उन्हें दिल्ली में एम्स स्थानांतरित किया गया, जहां उन्होंने 16 जून को दम तोड़ दिया। उस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पांच जवान शहीद हो गए थे और एक फिदायीन आतंकवादी मारा गया था।