केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर घाटी में आम नागरिकों खासकर गैर-स्थानीय श्रमिकों और अल्पसंख्यकों पर बढ़े हमलों के मद्देनजर शनिवार को घाटी में सुरक्षा हालात और आतंकवाद से निबटने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।
बैठक में एजेंसियों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी शामिल
अधिकारियों ने बताया कि शाह ने यहां राजभवन में हुई बैठक में सुरक्षा हालात का जायजा लिया। इस बैठक में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशासन के शीर्ष अधिकारी और सेना, सीआरपीएफ, पुलिस तथा अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने के लिए उठाए गए कदमों और बलों द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
#WATCH Union Home Minister Amit Shah chairs security review meeting during his three-day visit to the Union Territory of Jammu and Kashmir pic.twitter.com/qtohyuXs2P
— ANI (@ANI) October 23, 2021
अक्टूबर माह में 11 आम नागरिकों की हुई हत्या
घाटी में इस अक्टूबर माह में 11 आम नागरिकों की हत्या कर दी गई। इसी पृष्ठभूमि में शाह कश्मीर दौरे पर पहुंचे हैं। मारे गए लोगों में से पांच बिहार के श्रमिक थे जबकि दो शिक्षकों समेत तीन लोग कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों से थे। पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद शाह की यह पहली कश्मीर यात्रा है। शाह के घाटी दौरे से पहले पूरे कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से यहां शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हाल में आम नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियों को घाटी में तैनात किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के कई इलाकों के साथ कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) के बंकर बनाए गए हैं।