लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

जम्मू रैली में बोले अमित शाह – कांग्रेस और लश्कर-ए-तैयबा के बीच में क्या रिश्ता है, जवाब दें राहुल गांधी

दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू पहुंचे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस जितना भी षड्यंत्र करे लेकिन कश्मीर अलग नहीं होगा।

दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस जितना भी षड्यंत्र करे लेकिन कश्मीर अलग नहीं होगा। शाह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 65वें बलिदान दिवस पर परेड में आयोजित रैली को संबोधित कर रहे हैं।

आपको बता दे कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन समाप्त होने के बाद अमित शाह की यह पहली रैली है। इस रैली से अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद के बयान का समर्थन लश्‍कर करता है। राहुल इसका जवाब दें ‘ ।

अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी जवाब दें कि आपके नेता के बयान को लश्कर-ए-तैयबा समर्थन कर रहा है, यह कांग्रेस और लश्कर-ए-तैयबा के बीच में किस प्रकार का रिश्ता है?

अमित शाह ने कहा कि पूरे देश को मालूम है कि अगर जम्मू-कश्मीर भारत के साथ जुड़ा है तो सिर्फ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की वजह से जुड़ा हुआ है। बंटवारे के बाद जब भारत के साथ मर्ज तो हुआ तो कुछ शर्तें ऐसी थीं कि लंबे समय जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़कर रखा नहीं जा सका। उस समय जम्मू-कश्मीर में कहीं पर शान के साथ तिरंगा नहीं फहरा सकते थे। मुखर्जी जी ने इसके लिए आंदोलन किया। उन्हें पकड़ लिया गया लेकिन मैं नहीं मानता कि उनकी मौत हुई। मेरा मानना है कि जम्मू की जेल में उनकी हत्या कर दी गई। उन्हीं के बलिदान की बदौलत आज जम्मू-कश्मीर में तिरंगा है।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू को स्मार्ट सिटी घोषित किया लेकिन इसका डीपीआर आज तक नहीं बना। बीजेपी चाहती थी कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का समान विकास हो लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। आतंक के खिलाफ हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। हम चाहते हैं कि जिस तरह दिल्ली, बंगाल ,बेंगलुरू, गुजरात का युवा अपने भविष्य के सपने देखता है और उसे साकार करता था जम्मू-कश्मीर का युवा भी ऐसा कर सके। राज्य में अब राज्यपाल शासन लगा है, पाक शरणार्थियों के लिए दिए गए 15 हजार करोड़ खर्च नहीं हुए। हम जल्द से जल्द पाक शरणार्थियों तक मुआवजे की रकम पहुंचाएंगे।

अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाए कि उन्होंने जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव किया। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने सबके विकास के लिए पैसे भेजे, ढेरों योजनाएं दीं। मोदी जी खुद दर्जनों बार आए, हमारे नेताओं ने विकास और शांति के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन शांति नहीं आई। हमारे सैनिक भाई औरंगजेब की हत्या कर दी गई। एक अखबार के एडिटर की हत्या कर दी गई। सेना के जवानों पर हमले होने लगे। दबाव समूह खड़े हो गए और सरकार को काम करने से रोकने लगे। ऐसे में हमारा सरकार में बने रहना ठीक नहीं था।’ बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि हमें एहसास हुआ कि अगर ऐसा ही होना है तो हमें सरकार में रहने का कोई हक नहीं।

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की महबूबा सरकार गिराने के बारे में बोलते हुए कहा कि इससे पहले जब मैं यहां आया था तो हम सरकार में हिस्सेदार थे और आज आया हूं तो सरकार गिर गई है। हमने समर्थन वापसे ले लिया। देखिए कहीं और सरकार गिरती है तो लोग अफसोस जताते हैं, बीजेपी ही ऐसी है जो सरकार गिराने पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाती है। हमारे लिए सरकार नहीं, कश्मीर की सलामती महत्वपूर्ण है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू- कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार गिरने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने को मंजूरी दे दी। इससे पहले, भाजपा ने मंगलवार को मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया।

बता दें कि सूबे में विधानसभा की कुल 87 सीटें हैं, जिसमें पीडीपी के पास 28 और भाजपा के खाते में 25 सीटें हैं। उधर विपक्ष की तिजोरी खंगालें तो उमर अब्दुल्लाह की नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं।

जानिए ! कौन है डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में कोलकाता में हुआ था। वह भारतीय जनसंघ (अब बीजेपी) के संस्थापक थे। इन्होंने साल 1929 में राजनीति की शुरूआत की थी। वह बंगाल विधान परिषद में चुने गए थे।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी साल 1947 में पंडित जवाहर लाल नेहरु की कैबिनेट में भी शामिल हुए थे। हालाकिं तीन साल बाद साल 1950 में उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने साल 1951 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोलवलकर के कहने पर भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। साल 1952 के चुनाव में जनसंघ के तीन सांसद चुने गए।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत की अखंडता और कश्मीर का भारत में विलय के समर्थक थे। मुखर्जी जम्मू-कश्मीर में धार 370 हटाने का विरोध करते रहे।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 + 15 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।