कश्मीर में हिंदू- अल्पसंख्यकों की आए दिन हत्या के मामलों पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से ‘स्वत: संज्ञान’ लेने की अपील की गयी। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन को लिखे एक पत्र में दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने कहा है कि कश्मीर में आए दिन निर्दोष हिंदू- सिख अल्पसंख्यकों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है तथा उनकी हत्या की जा रही है।
मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा
इस वजह से दोनों समुदायों के लोग असुरक्षा एवं डर के साए में जीने को मजबूर हैं और वे सुरक्षा की लचर व्यवस्था को लेकर बेहद गुस्से हैं। पत्र याचिका में कश्मीर के हिंदू, सिख अल्पसंख्यकों के परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा तथा परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग के साथ ही हत्या मामलों की जांच नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी से कराने जाने का आग्रह किया गया है।
पत्र में 2000 में अनंतनाग जिले में 36 निर्दोष लोगों की हत्या का मुद्दा भी उठाया गया
जिंदल ने अपनी पत्र जनहित याचिका में कश्मीर में एक स्कूल के प्रधानाचार्य, एक शिक्षक और एक फार्मासिस्ट की हत्या की घटना का जिक्र किया है। पत्र में पिछले दिनों पांच हिंदू सिख नागरिकों की हत्या के साथ-साथ 2000 में अनंतनाग जिले में 36 निर्दोष लोगों की हत्या का मुद्दा भी उठाया गया है।