दिल्ली जाने से पहले लोगों को एकत्र करने को लेकर जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक को कल रात हिरासत में ले लिया गया और हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने दोनों अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि वे अपनी दिल्ली यात्रा से पहले लोगों को एकत्र करने का प्रयास कर रहे थे जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती थी।
उन्होंने बताया कि अगर वे सामान्य यात्री की तरह दिल्ली जाना चाहेंगे तो उन्हें अनुमति दे दी जाएगी। श्री खान ने बताया कि मीरवाइज और मलिक को कल रिहा कर दिया गया था ताकि वे दिल्ली जा सकें। उन्होंने रिहा होने के तुरंत बाद मैसुमा और श्रीनगर के पुराने इलाके में लोगों को इक_ा करना शुरू कर दिया। वे हवाईअड्डे तक जाने के लिए रैली निकालने की तैयारी कर रहे थे जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती थी लिहाजा पुलिस के पास उन्हें फिर से हिरासत में लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों अलगाववादी नेता सामान्य लोगों की तरह दिल्ली के लिए रवाना होना चाहेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति दे दी जाएगी। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी पिछले वर्ष से ही नजरबंद हैं।
गौरतलब है कि गिलानी, मीरवाइज और मलिक ने दिल्ली जाकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन करने और गिरफ्तारियां देने की घोषणा की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एनआईए बेबुनियाद आरोप लगाकर छापे मार रही है और लोगों को गिरफ़्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि वे एनआईए का मुख्य निशाना हैं और जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी।