जम्मू एवं कश्मीर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने से संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा नेता सीताराम येचुरी, एमडीएमके महासचिव वाइको, बाल अधिकार कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली, कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन, डॉक्टर समीर कौल और मलेशिया में रह रहीं प्रवासी भारतीय उद्योगपति आसिफ मुबीन के साथ-साथ इनकी याचिका की सुनवाई करेगी।
पिछले महीने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद हिरासत में लिए गए नेताओं में शामिल तारिगामी ने अपनी पार्टी के प्रमुख सीताराम येचुरी द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के दो सप्ताह बाद शीर्ष अदालत का रुख किया है।
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद, तारिगामी को इलाज के लिए यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने तरिगामी को 16 सितंबर को श्रीनगर लौटने की अनुमति प्रदान की थी। जब येचुरी उनसे मिलने श्रीनगर गए थे, तब उन्होंने वहां पाया कि तारिगामी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है और उनका सुरक्षा वाहनों को वापस ले लिया गया है।
उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि तारिगामी कई बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल नहीं जाने दिया गया। इसके बाद, कोर्ट ने पांच सितंबर को तारिगामी को एम्स में भर्ती करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने 28 अगस्त को येचुरी को भी श्रीनगर में तारिगामी से मिलने की अनुमति प्रदान कर दी। कोर्ट ने हालांकि उन्हें किसी राजनीतिक गतिविधि से दूर रहने का निर्देश दिया था।