आतंकवादियों ने संसद पर हुए हमले की 20वीं बरसी पर सोमवार को श्रीनगर के बाहरी हिस्से में जम्मू-कश्मीर पुलिस की बस पर गोलीबारी की, जिसमें तीसरा जवान भी मंगलवार को शहीद हो गया और 11 अन्य घायल है। इनमे भी तीन लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इस घटना पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यहां एक पुलिस बस पर हुआ हमला पूर्व नियोजित था क्योंकि सशस्त्र पुलिस दल उसी वक्त शिविर में लौट रहा था जब वह अपने दैनिक कार्यों के बाद आमतौर पर लौटता है। इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी।
जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों ने बस पर गोलियां चला दी
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने मारे गए पुलिसकर्मियों में से एक को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘25 पुलिसकर्मियों को ले जा रही बस नियमित दिनचर्या के अनुसार शिविर में लौट रही थी जब जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों ने बस पर गोलियां चला दी थी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उन्होंने रेकी की होगी और देखा होगा कि ड्यूटी खत्म होने के बाद हर रोज बस इसी वक्त आती है।’’हमले में तीन पुलिसकर्मियों एएसआई गुलाम हसन और कांस्टेबल शफीक अली तथा रमीज बाबा की मौत हो गयी जबकि 11 अन्य घायलों का उपचार चल रहा है।
इस समूह को बहुत जल्द खत्म कर देंगे
कुमार ने बताया कि एक हमलावर स्थानीय था जबकि दो अन्य विदेशी आतंकवादी थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें समूह के बारे में सूचनाएं मिली हैं। हम इस समूह को बहुत जल्द खत्म कर देंगे।’’ आईजीपी ने पुलिसकर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई की और यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी हथियार छीनने में कामयाब न हो पाएं।
आतंकवादियों ने अंधेरे का फायदा उठाया
उन्होंने कहा, ‘‘जवाबी गोलीबारी में एक आतंकवादी घायल हो गया और कुछ दूरी तक खून के निशान देखे गए…वे ख्रू की ओर भाग गए। हम इस पर काम कर रहे हैं।’’ कुमार ने बताया कि आतंकवादियों ने अंधेरे का फायदा उठाया क्योंकि जीवान में पुलिस शिविर तक जानी वाली सड़क पर ज्यादा रोशनी नहीं थी और सुरक्षा बलों की ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ उस दिन के लिए वहां से चली गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सड़क पर लाइटें लगाने समेत सभी एहतियातन कदम उठा रहे हैं।’’