पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि अगर तालिबान अफगानिस्तान में ‘असली’ इस्लामिक शरीयत का पालन करता है, जहां महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिकार निर्दिष्ट हैं, तो वे दुनिया के लिए एक मिसाल बन सकते हैं।
उन्होंने कहा, तालिबान एक वास्तविकता के रूप में उभर रहे हैं। उन्हें अफगानिस्तान पर उस तरह से शासन नहीं करना चाहिए, जैसा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था। पीडीपी की नेता ने कहा, तालिबान एक हकीकत बनकर सामने आ रहा है। उनको चाहिए कि पहली बार में जो उनकी छवि बनी है, वह मानवाधिकारों के खिलाफ थी। अबकी बार यदि वह आए हैं और अफगानिस्तान में हुकूमत करना चाहते हैं तो उन्हें वाकई जो इस्लामिक शरिया जो कहता है, असली, जो हमारे कुरान शरीफ में हैं, जिसमें औरतों के हुकूक हैं, बच्चों और बूढ़ों के अधिकार हैं, उसको देखते हुए सरकार चलानी चाहिए।
उन्होंने कहा, तालिबान एक वास्तविकता के रूप में उभर रहे हैं। उन्हें अफगानिस्तान पर उस तरह से शासन नहीं करना चाहिए, जैसा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था। पीडीपी की नेता ने कहा, तालिबान एक हकीकत बनकर सामने आ रहा है। उनको चाहिए कि पहली बार में जो उनकी छवि बनी है, वह मानवाधिकारों के खिलाफ थी। अबकी बार यदि वह आए हैं और अफगानिस्तान में हुकूमत करना चाहते हैं तो उन्हें वाकई जो इस्लामिक शरिया जो कहता है, असली, जो हमारे कुरान शरीफ में हैं, जिसमें औरतों के हुकूक हैं, बच्चों और बूढ़ों के अधिकार हैं, उसको देखते हुए सरकार चलानी चाहिए।
जो मदीने का हमारा मॉडल रहा है। अगर वह वाकई उस पर अमल करना चाहते हैं तो मुझे लगता है वह दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं। मुफ्ती ने आगे कहा, ऐसा करने पर ही तालिबान के साथ दुनिया के दूसरे मुल्क कारोबार करेंगे, खुदा-न-ख्वास्ता (ईश्वर न करे) अगर उन्होंने 90 के दशक में तरीका अपनाया था, उसको वे अपनाते हैं तो सारी दुनिया के लिए ही नहीं, खासकर अफगानिस्तान के लोगों के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी।