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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के बाद विकास के भाजपा के दावे मनगढंत: गुपकर गैंग

जम्मू-कश्मीर में पीपल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद वहां पर शांति और विकास के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दावे ‘मनगढंत कहानियों’ के अलावा कुछ नहीं है, क्योंकि जमीनी हालात अलग हैं।

जम्मू-कश्मीर में पीपल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद वहां पर शांति और विकास के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दावे ‘मनगढंत कहानियों’ के अलावा कुछ नहीं है, क्योंकि जमीनी हालात अलग हैं। 
मुख्यधारा के छह सियासी दलों के गठबंधन पीएजीडी के प्रवक्ता ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट ‘एक देश, एक विधान, एक निशान का सपना साकार: अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद बदली तस्वीर, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नई शुरुआत’ में जो दावे किए गए हैं वे वास्तविकता से कहीं दूर हैं। 
रिपोर्ट में किए गए हैं ये दावे- 
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से नए उद्योगों के लिए रास्ता बना है, रोजगार के नए अवसरों का सृजन हुआ, आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई, शांति एवं सुरक्षा का माहौल बना, लोकतंत्र मंजबूत हुआ, भ्रष्टाचार का सफाया हुआ और क्षेत्र के लोगों की बेहतरी के लिए नए केंद्रीय कानून आए। 
तारिगामी ने तमाम दावों को झुठलाया-  
हालांकि पीएजीडी के प्रवक्ता एम वाय तारिगामी ने एक वक्तव्य में बताया कि उक्त दावे ‘‘मनगढंत कहानियों के अलावा और कुछ नहीं हैं’’ और जमीनी हालात इन दावों को झुठलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दावे सचाई से दूर हैं। वास्तविकता तो यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुनियोजित तरीके से कमजोर किया जा रहा है और यह अफसरशाही शासन के जरिए लगातार किया जा रहा है।’’ 
तारिगामी ने कहा कि पुस्तिका में जिन परियोजनाओं का जिक्र किया गया है उनमें से अधिकांश पूर्ववर्ती सरकारों ने मंजूर की थीं लेकिन इन्हें अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का परिणाम बताया गया है।

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