जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाने के बाद मंगलवार को ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर राजनीति तेज कर दी। एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि उन्हें अतीत के बारे में जानने के लिए फिल्म देखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में शांति बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा, “मैंने अपनी आंखों से खून-खराबा देखा है।” जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने सत्तारूढ़ पार्टी पर नई-रिलीज़ बॉलीवुड फिल्म के माध्यम से समुदायों के बीच नफरत भड़काने का आरोप लगाया।
इतिहास जानने के लिए मुझे फिल्म की जरूरत नहीं :महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि “आजकल बड़ी फिल्में बनती हैं। फिल्में मुझे (इतिहास के बारे में) क्या बताएंगी? मैंने अपनी आंखों से देखा है, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान का दौरा किया था, तब 7 हिंदू लड़कों की मौत हुई थी। मैंने मारे गए सरदारों और कश्मीरी पंडितों को देखा है। मेरे अपने चाचा की हत्या कर दी गई थी। हम इसमें से कोई भी नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि यह खून खराबा हमेशा के लिए समाप्त हो। हम शांति से रहना चाहते हैं।”
महबूबा मुफ्ती ने साधा BJP पर निशाना
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा चाहती है कि हम पाकिस्तान से लड़ते रहें। “वे समुदाय के आधार पर देश को विभाजित करना चाहते हैं। वे कश्मीर के बारे में हर भाषण में जिन्ना, बाबर और औरंगजेब को याद करते हैं। आज बाबर और औरंगजेब की क्या प्रासंगिकता है?” बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने घाटी में आतंकवादी हमलों के बाद 1990 में कश्मीरियों के पलायन पर एक बहस छेड़ दी है। जबकि फिल्म को सत्तारूढ़ भाजपा से भारी सराहना मिली है, विपक्षी दलों ने दावा किया है कि यह वास्तविक सच्चाई दिखाने से कम है और देश में मुस्लिम विरोधी भावना पैदा करता है।
‘द कश्मीर फाइल्स’ को राजनीति जगत से मिल रही मिश्रित प्रतिक्रिया
द कश्मीर फाइल्स हाल ही में 11 मार्च को रिलीज होने के बाद से बीजेपी और विपक्षी दलों द्वारा इस पर परस्पर विरोधी टिप्पणियों के साथ चर्चा में है। 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के इर्द-गिर्द घूमती इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित प्रमुख चेहरों ने फिल्म का समर्थन करते हुए भाजपा से वाहवाही बटोरी। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने यह कहते हुए फिल्म पर कटाक्ष किया है कि यह अधूरा सच दिखाती है और समय के दौरान जो हुआ उसका वास्तविक सच दिखाने में विफल रहती है।