जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास प्रचंड जनादेश है और यदि वह तय कर लें तो कश्मीर मसले का स्थायी हल निकालकर इतिहास रच सकते हैं। एक अंग्रेजी दैनिक के अनुसार सुश्री मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर मसले के समाधान का एक ही रास्ता है और वह है बातचीत का।
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब केंद्र के एक प्रतिनिधि को बातचीत के लिए भेजा गया है और उन्हें कैबिनेट सचिव का दर्जा दिया गया है जबकि इससे पहले किसी भी वार्ताकार को यह दर्जा नहीं दिया गया था।’ सुश्री मुफ्ती ने कहा कि इस बार ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो बहुत ही शक्तिशाली हैं और उनके पास प्रचंड जनादेश है। यदि वह तय कर लें तो वह समूचे परिदृश्य को बदल सकते हैं और और हमेशा-हमेशा के लिए कश्मीर मसले का समाधान करके इतिहास रच सकते है।
पीडीपी -भाजपा गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही सुश्री मुफ्ती ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह खुले विचारों के और जमीन से जुड़ नेता हैं। वह आम जुबान में बात करते हैं। मैं जब परेशान होती हूं तो वह मुझे आश्वस्त करते हैं।’ सुश्री मुफ्ती ने कहा कि स्वायत्तता की बात को ‘राष्ट्रविरोधी‘ करार देना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ‘स्वशासन’ की बात करती है जिसमें बातचीत और मेलमिलाप तथा विभिन्न मार्गों को खोले जाने की बात है और यह सबकुछ ‘एजेंडा फार अलायंस’ में शामिल है। उनका कहना था कि भाजपा के साथ सरकार बनाकर उन्होंने सबकुछ दांव पर लगा दिया। कांग्रेस के साथ भी सरकार बनायी जा सकती थी और तब उन्हें इतनी आलोचनाओं का भी सामना न करना पड़ता।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र विचारों की लड़ई है और ‘आजादी’ भी एक विचार है जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है लेकिन वह नहीं जानतीं कि अलग-अलग लोगों के लिए इसके क्या मायने हैं। हमें आजादी की जगह उससे बेहतर विचार देने की जरूरत है।
उन्होंने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस समय राज्य का जो संविधान है, वही पर्याप्त है। अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने वाला पुल करार देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों ने 70 वर्ष पहले राज्य की जनता के साथ इस अनुच्छेद की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।