कमांडो मुबारिक अली का आज राजस्थान के झुंझुनूं जिले में उसके पैतृक गांव में लोगों ने जोरदार स्वागत किया। आपको बता दे कि कमांडो मुबारिक अली ने जम्मू & कश्मीर में सीने पर गोली लगने के बावजूद 3 आंतकवादियों को ढेर किया था ।
इन दिनों मेडिकल रेस्ट पर चल रहे मुबारिक अली ने बताया कि 30 जुलाई को सुबह सात बजे उनकी टीम पुलवामा के दहाब क्षेत्र में सर्च अभियान पर थी और नदी के किनारे गांव में एक घर के पास हलचल हुई। वे कुछ समझ पाते इतने में ही सामने से कुछ लोग फायर करते हुए भागने लगे।
मुबारिक ने उन पर फायर किया। इस दौरान आतंकियों की गोली मुबारिक के दाहिने हाथ से निकल कर पार हो गई। एक गोली उनके सीने पर लगी।
उन्होंने बताया कि बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी होने के कारण गोली सीने के पार नहीं हो सकी। घायल होने के बावजूद मुबारिक ने एक हाथ से फायर करते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया। पीछे चल रहे साथी जवानों ने इसकी सूचना यूनिट को दी। सेना के हेलीकॉप्टर से कमांडो मुबारिक को श्रीनगर के अस्पताल लाया गया।
माता हाजन आमीना बानो एवं पत्नी शहनाज बानो तथा देश के लोगों की दुआओं की बदौलत कमांडो मुबारिक अली ठीक हो गए। कमांडो के दो भाई सूबेदार सुभान अली दफेदार मोहम्मद रफीक भी सेना में हैं। कमांडो मुबारिक के पिता हाकिम अली किसान है।
कमांडो मुबारिक अली का विधायक नरेंद कुमार खीचड़ ने सम्मान किया। इस अदम्य साहस पर गांव के कायमखानी समाज ने मुबारिक खान की जांबाजी पर गर्व महसूस किया है। कमांडो मुबारिक अली 1997 में सेना की 16 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे। बाद में 55 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल मुबारिक अली ने करगिल युद्ध में भी भाग लिया था। वे बताते हैं कि उनकी यूनिट करगिल के द्रास सेक्टर में तैनात थी।