कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है और संचार सेवाएं पूरी तरह बंद हैं। उधर, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देनेवाला अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव विपक्ष के विरोध के बीच राज्यसभा में पारित करवाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह में अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से मुलाकात की, लेकिन उस समय यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि जम्मू-कश्मीर के संबंध में सरकार की क्या योजना है।
यह तभी मालूम हुआ जब गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने और प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने का प्रस्ताव करते हुए राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया और ये प्रस्ताव पास हो गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाया गया है जो केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। संचार सेवाएं बंद होने से कश्मीर के अधिकांश लोग अपने भविष्य के फैसले से अवगत नहीं हो पाए हैं।
कश्मीर में पिछले 10 दिनों से तनावपूर्ण स्थिति है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात कर दिया है, जबकि इनकी तैनाती के संबंध में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया था।