सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सितंबर, 2016 में अनजाने में नियंत्रण रेखा पार करने और पाकिस्तान में करीब चार महीने तक हिरासत में रहने के बाद लौटे सैनिक चंदू बाबूलाल चव्हाण ने समय से पहले सेवानिवृत्ति की मांग की है। यहां किरकी में सैन्य अस्पताल के मनोरोग विभाग में भर्ती कराये गये चव्हाण (24) ने अपने वरिष्ठों को पत्र लिखकर उन्हें सेवानिवृत्त करने की मांग की और कहा कि वह ”परेशान” हैं।
चव्हाण को कल ही अस्पताल से छुट्टी मिली है। 37 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चव्हाण 29 सितंबर, 2016 को भटककर नियंत्रण रेखा के पार चले गये थे और उन्हें पाकिस्तान सेना ने हिरासत में ले लिया था। चार महीने बाद उन्हें भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया। वापस आने के बाद उन्हें, अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बिना बताए चौकी से जाने के लिए दंडित किया गया और उन्हें महाराष्ट्र के अहमदनगर में सशस्त्र कोर केंद्र स्थानांतरित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ”मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख, मुझे समय से पूर्व सेवानिवृत करने और मुझे पेंशन देने का अनुरोध किया है।” चव्हाण ने कहा कि सेना ने उन्हें हरसंभव मदद दी और उन्हें कोई शिकायत नहीं है। सदर्न कमांड के एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि उन्हें अब तक चव्हाण का पत्र नहीं मिला है। भारतीय सेना के विशेष बलों ने 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा को गहरा नुकसान हुआ था।
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