गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने शनिवार को भी प्रशासन पर निशाना साधते हुए अपने उम्मीदवारों के साथ ‘‘किए जा रहे व्यवहार’’ पर आपत्ति जतायी और आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में ‘सुरक्षा की आड़ में लोकतंत्र को बाधित’’ किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पहली लोकतांत्रिक कवायद के तहत जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव हो रहे हैं।
गुपकर घोषणापत्र गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त के के शर्मा को दो पृष्ठों का एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करना और बाकी को वस्तुत: नजरबंद करना लोकतंत्र में व्यापक हस्तक्षेप के समान है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आगत डीडीसी चुनावों के बारे में आपको लिख रहा हूं। एक अजीब और अनोखी चीज सामने आई है। गुपकर गठबंधन के उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर ‘सुरक्षित स्थानों’ पर ले जाया रहा है… उन्हें चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं है, वे उन लोगों के संपर्क से पूरी तरह से दूर हैं, जिनसे उन्हें वोट मांगना है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सुरक्षा के क्षेत्र में वर्तमान स्थिति कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करने और दूसरों को नजरबंद करने वाली है।
श्रीनगर के सांसद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘… सुरक्षा को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए किसी औजार उपकरण या बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’
अब्दुल्ला के इस पत्र के पहले नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सहित घाटी की प्रमुख पार्टियों द्वारा आरोप लगाया गया है कि चुनावों मे सबको समान मौका नहीं मिल रहा है। उनका आरोप है कि प्रशासन उनके उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं दे रहा है और उन्हें उनके आवासों में नजरबंद कर रहा है।
डीडीसी चुनाव आठ चरणों में होंगे। यह 28 नवंबर से शुरू होगा और 24 दिसंबर को समाप्त होगा। गुपकर गठबंधन कई राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है जो पिछले साल अगस्त में केंद्र द्वारा निरस्त किया गया जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
अब्दुल्ला ने कहा कि गुपकर गठबंधन में शामिल पार्टियां विगत में सत्ता में रही हैं और उन्हें सरकार चलाने का अवसर मिला है और वे हिंसा से घिरे स्थान पर सुरक्षा को लेकर उत्पन्न चुनौतियों से वाकिफ हैं।
उन्होंने जोर दिया कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र का विकास देश के किसी अन्य हिस्से की तुलना में विशिष्ट है और यह ‘रक्तरंजित यात्रा’ रही है, जो हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खून से सनी है, जिन्होंने लोकतंत्र के खातिर अपनी जान दे दी।
गुपकर गठबंधन की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनावों में भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की हिस्सेदारी को ‘बाधित’ कर रहा है।
पीडीपी प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भारत सरकार डीडीसी चुनावों में गैर-भाजपा दलों की हिस्सेदारी को बाधित कर रहा है। पर्याप्त सुरक्षा होने के बावजूद पीडीपी नेता बशीर अहमद को सुरक्षा के नाम पर पहलगाम में रोक लिया गया। आज नामांकन का अंतिम दिन है और उनकी रिहाई के लिए डीसी अनंतनाग से बात की है।’ उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भी टैग किया।
पुलिस ने कहा है कि उम्मीदवारों को सामूहिक सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है और सुरक्षित क्षेत्रों में रखा गया है क्योंकि हर उम्मीदवार को सुरक्षा दे पाना कठिन है।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि उम्मीदवारों को दोहरी सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है। सुरक्षा बल उस क्षेत्र की भी सुरक्षा करते हैं जहां वे प्रचार करने के लिए जाना चाहते हैं।
गुपकर गठबंधन के संयोजक और माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने शुक्रवार को सिन्हा का एक पत्र जारी किया था, जिन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक सुचारू प्रचार अभियान का आश्वासन दिया था और कहा था कि केंद्रशासित क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने में चुनाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।