फर्जी बंदूक लाइसेंस घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। घोटाला मामले में गैर-हकदार व्यक्तियों को 2.78 लाख रुपए जारी किए गए थे। ईडी की छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार देर शाम तक चली।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली की टीमों ने 11 स्थानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की, जिसमें एक सेवारत आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के कई अधिकारी शामिल है। जिन्होंने विभिन्न 2013 और 2016 के बीच उपायुक्तों (डीसी) और अतिरिक्त उपायुक्तों (एडीसी) के रूप में कार्य किया था।
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आईएएस राजीव रंजन, पूर्व कुपवाड़ा डीसी सहित सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के आवासों पर तलाशी ली गई। इसके अलावा भी कई अन्य अधिकारियों के आवास पर तलाशी ली गई। छह हथियार डीलरों के आवासों पर भी छापेमारी की गई, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नौकरशाह बंदूक लाइसेंस घोटाले में शामिल हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो पहले से ही मामले की जांच कर रहा है और ईडी ने इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और घोटाले के अन्य वित्तीय पहलुओं की जांच के लिए एक अलग मामला दर्ज किया है।