जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दूसरी बार समन किया है। तीन दिन के अंदर दूसरी बार बुलाए जाने पर नेशनल कांफ्रेंस ने अपना गुस्सा जाहिर किया। पार्टी का कहना है कि इस पुरे प्रकरण का उद्देश्य केवल बीजेपी की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं को ‘धमकाना’ है।
इस संबंध में फारूक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाखुशी जाहिर करते हुए ट्वीट में लिखा कि “यह उस दिन हुआ जब मेरे पिता 84 साल के हो रहे हैं।” पार्टी ने विरोध की आवाज को कथित तौर पर दबाने के लिए सरकार की निंदा की।
नेकां ने कहा, ‘‘कितनी बार बीजेपी सीबीआई, ईडी, भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को धमकाने में करेगी? यह हथकंडा आम हो गया है। कोई भी सरकार के खिलाफ बोलेगा और उसके विभाजनकारी राजनीति के सामने खड़ा होने की हिम्मत करेगा तो उसका पीछा किया जाएगा और उसे समन भेजा जाएगा।’’
ईडी के समन को ‘रणनीति के तहत उठाया गया कदम’ करार देते हुए नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की मुख्य धारा की पार्टियों के बीच एकजुटता पैदा करने की फारूक अब्दुल्ला की कोशिश को बाधित करना है।
बार-बार ईडी द्वारा समन देने को दबाव डालने की रणनीति करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ वह क्या है जो ईडी 83 वर्षीय सांसद से छह घंटे की पूछताछ में पूछना भूल गई?’’ डार ने कहा कि सरकार और उसकी एजेंसियां क्या कानून का अनुपालन करने वाले नागरिक के बारे में विचार नहीं करती जो निम्न प्रतिरोधक क्षमता और मधुमेह की बीमारी का शिकार हैं।
उन्होंने ने कहा, ‘‘अब्दुल्ला के साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है, वह सबूत है कि बीजेपी को अपनी छवि बचाने की भी चिंता नहीं है और देश में धौंस दिखाने की प्रवृत्ति उसे रास आ रही है।’’ डार ने कहा, ‘‘आजकल क्लीनचिट मिलने का एक ही तरीका है कि विचारधारा का समर्पण कर दें और बीजेपी में शामिल हो जाएं। हमने यह सिलसिला असम से कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से आंध्र प्रदेश तक में देखा, लेकिन अब्दुल्ला चाहे कुछ भी हो जाए, बीजेपी के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में दोबारा पेश हुए। इससे पहले ईडी ने 19 अक्टूबर को इसी सिलसिले में उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी।