जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की संभावना, सभी को हिस्सा लेना चाहिए: आजाद - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की संभावना, सभी को हिस्सा लेना चाहिए: आजाद

कांग्रेस के कद्दावर नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव जब भी हों, सभी को उसमें हिस्सा लेना चाहिए और कांग्रेस को इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

कांग्रेस के कद्दावर नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर एक बड़ा बयान दिया। आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव जब भी हों, सभी को उसमें हिस्सा लेना चाहिए और कांग्रेस को इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
आजाद ने यहां अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल परिसीमन की कवायद जारी है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तीन दिवसीय दौरे पर शहर में हैं और उनके हवाई अड्डे पर पहुंचने पर समर्थकों ने मांग की कि मार्च में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका पुतला जलाने वाले कांग्रेस नेताओं को निष्कासित किया जाए।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब आजाद से कहा गया कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत सभी दलों को तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सभी लोगों को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए।’’ केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घोषणा की थी कि वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगी जब तक कि भारत और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर, दोनों के संविधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं हो जाते। केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
महबूबा ने कहा था, ‘‘व्यक्तिगत रूप से, यह (संविधान का अनुच्छेद 370 और 35-ए को निरस्त करना) मेरे लिए बहुत भावनात्मक है। मैंने पहला चुनाव भारत और राज्य के संविधानों के तहत शपथ लेते हुए लड़ा था। मैंने दोनों झंडे अपने हाथों में लिये थे। जब तक दोनों संविधान एकसाथ (जम्मू-कश्मीर में लागू) नहीं होंगे, मैंने कहा है कि मैं व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ूंगी।’’
पेगासस जासूसी विवाद पर आजाद ने कहा कि विपक्ष पहले ही इस मुद्दे को संसद में उठा चुका है और इस पर चर्चा की मांग कर रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं जम्मू के तीन दिवसीय दौरे पर हूं और जम्मू संभाग में हर एक के लिए उपलब्ध हूं, जिसमें मेरी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता और अन्य लोग भी शामिल हैं जो मुझसे अपनी समस्याओं पर चर्चा करना चाहते हैं।’’
उन्होंने हाल ही में किश्तवाड़, कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और अन्य पहाड़ी इलाकों में बादल फटने से जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और उम्मीद जतायी कि सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों की देखभाल करेगी। इससे पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता आजाद की अगवानी के लिए जम्मू हवाईअड्डे के बाहर जमा हुए और उनके समर्थन में नारेबाजी की।
कांग्रेस नेता एवं जेएमसी पार्षद गौरव चोपड़ा ने कहा, ‘‘हम यहां उन सभी लोगों को हटाने की मांग करने के लिए इकट्ठे हुए हैं जिन्होंने आजाद के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और उनका पुतला फूंका था।’’ वह गत दो मार्च को यहां प्रेस क्लब के बाहर पूर्व महासचिव और जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य मोहम्मद शाहनवाज चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की ओर इशारा कर रहे थे।
आजाद के खिलाफ उनकी ही पार्टी के सदस्यों द्वारा अपनी तरह का पहला विरोध प्रदर्शन ‘जी-23’ नेताओं द्वारा आजाद को राज्यसभा का उनका कार्यकाल समाप्त होने पर सम्मानित करने के लिए आयोजित एक रैली के कुछ दिनों बाद हुआ था। रैली को पार्टी नेतृत्व को एक संदेश देने के लिए शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया था।
‘जी-23’ नेताओं के समूह ने कांग्रेस पार्टी के संगठन में बदलाव की मांग की थी। चोपड़ा ने गत मार्च में उसी दिन चौधरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था और कहा था कि ‘‘एक व्यक्ति जिसने हाल ही में पार्टी के आदेश के खिलाफ डीडीसी चुनाव लड़ा था, वह कांग्रेसी नहीं है और कांग्रेस कमजोर करने के लिए भाजपा और आरएसएस के निर्देशों पर काम कर रहा है।’’

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