जम्मू : जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज कहा कि हज और अन्य धार्मिक दायित्वों को निभाने की इच्छा रखने वाले पूर्व स्थानीय आतंकवादियों के पासपोर्ट के आवेदनों को मंजूरी केवल उचित जांच-पड़ताल के बाद दी जाएगी। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘ कोई आवेदक जो पूर्व में प्रशिक्षित स्थानीय आतंकवादी रह चुका हो लेकिन उसने आत्मसमर्पण कर दिया हो या उसे गिरफ्तार कर लिया गया हो और बाद में अदालत द्वारा रिहा कर दिया गया हो, उसके पासपोर्ट के आवेदन को मंजूरी देने पर विचार केवल उसकी हालिया गतिविधियों की उचित जांच के बाद किया जाएगा।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक शमीम फिरदौस द्वारा विधानसभा में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में महबूबा ने वर्ष 2014 में गृह मंत्रालय जारी दिशा-निर्देशों का हवाला दिया। उन्होंने कुछ शर्तों को सामने रखते हुए कहा, “ कोई आवेदक जो हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या पाकिस्तान गया हो लेकिन वापस लौट आया हो, हिंसा से दूर हो गया हो और उसे किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में लिप्त नहीं पाया गया हो और लौटने के बाद उसने सही आचरण प्रदर्शित किया हो तो हज या उमराह की धार्मिक यात्रा पर जाने के लिए उसके पासपोर्ट को मंजूरी देने पर विचार किया जा सकता है।’’ मुफ्ती ने कहा, “ऐसी मंजूरी तभी दी जाएगी जब आवेदन की तिथि तक उसने लौटेने के बाद से राज्य में 15 साल पूरे कर लिए हों।”
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