नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से केंद्रशासित प्रदेश के बाहर की जेलों मे हिरासत में बंद सभी कैदियों को वापस लाने के लिये एकजुट होने की अपील की है।उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीतिक विचारों का एक स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान आवश्यक है ताकि हम उन बदलावों का जायजा ले सकें जो जम्मू-कश्मीर ने 5 अगस्त 2019 के बाद देखे हैं।
उन्होंने कहा कि हम अभी भी कुछ ऐसे माहौल से दूर हैं जहां इस तरह का राजनीतिक प्रवचन संभव होगा। अब्दुल्लाह ने कहा कि यह विशेष रूप से पिछले साल अगस्त में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को देखते हुए है जो जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि “मैं इस बात से अवगत हूं कि सैकड़ों कश्मीरी परिवारों की तुलना में मैं कहीं अधिक भाग्यशाली रहा हूं। मुझे घर पर नजरबंद कर दिया गया था और मेरे परिवार की मेरे पास पहुंच थी।”
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फारूक अब्दुल्लाह ने कहा कि “कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया तो उसे देखने के लिए मुझे अपने घर से एक किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी।” उन्होंने कहा कि “इससे पहले कि हम राजनीति को हमें विभाजित करने की अनुमति दें, मैं यहां सभी राजनीतिक नेताओं से अपील करता हूं कि वे जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में बंद सभी बंदियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को बुलाएं।”
फारूक ने कहा कि वे जल्द से जल्द इस पहल की शुरुआत करना चाहते हैं ताकि कैदियों को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय मांग है और मुझे आशा है कि अन्य लोग इस मांग को भारत सरकार के सामने रखने में मेरा साथ देंगे।