नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की सबसे पुरानी पार्टी के आज पुन: अध्यक्ष निर्वाचित हुए। फारूक अब्दुल्ला (80) 15 साल के अंतराल के बाद शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में हुए प्रतिनिधि सत्र में सर्वसम्मति से पुन: निर्वाचित हुए। एक दिवसीय इस सत्र में पार्टी के हजारों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वह पहली बार वर्ष 1981 में पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे और वर्ष 2002 से 2009 के अलावा लगातार इस पद पर बने रहे। वर्ष 2002 में इसी स्टेडियम में हुए ऐसे ही समारोह में फारूक अब्दुल्ला ने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला को पार्टी की कमान सौंपी थी जो उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे। उमर अब्दुल्ला ने वर्ष 2009 में राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जनवरी 2009 में फारूक अब्दुल्ला को फिर से पार्टी अध्यक्ष चुना गया और वह तब से इस पद पर बने हुए हैं।
ऐसी खबरें थीं कि अधिक आयु और स्वास्थ्य के चलते फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर अपने बेटे को पार्टी अध्यक्ष बना सकते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने समारोह में कहा कि वह अब इस पद पर बने रहना नहीं चाहते। उन्होंने कहा, मुझे अध्यक्ष चुनने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं लेकिन मैं पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहना नहीं चाहता क्योंकि मैं बूढ़ हो रहा हूं। डॉक्टर अभी तक उम, घटाने का इंजेक्शन ईजाद नहीं कर सकें हैं, यहां तक कि मैं भी एक डॉक्टर हूं।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से दिखाए जा रहे उत्साह के बीच कहा, मैं चाहता हूं कि उमर यह जिम्मेदारी संभालें ताकि आप मुझे छोड़ दें लेकिन उन्होंने ना कह दिया। उन्होंने मुझे कहा कि वह एक दिन यह जिम्मेदारी संभालेंगे। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें एक दिन यह जिम्मेदारी संभालनी होगी।
इस मौके पर उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता को बधाई दी और उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में पार्टी अध्यक्ष बनना एक गलती थी और वह इस गलती को दोहराना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति के कारण पार्टी को फारूक अब्दुल्ला की अधिक जरुरत है।