जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष चुने गए हैं। पार्टी संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 117वीं जयंती के दिन 85 वर्षीय नेता को नसीम बाग में नेकां के प्रतिनिधि सत्र में सर्वसम्मति से पार्टी का प्रमुख चुना गया।
नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि तक केवल अब्दुल्ला का नामांकन प्राप्त हुआ था। सागर ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला के समर्थन में कश्मीर से कुल 183, जम्मू से 396 और लद्दाख से 25 प्रस्ताव प्राप्त हुए। नेकां पिछला अध्यक्ष चुनाव पांच साल पहले हुआ था।
बेटे ने पिता को दी बधाई
फारूक अब्दुल्ला को फिर से पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर बेटे उमर अब्दुल्ला ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा, 'फारूक साहब ने हम सबको झटका दे दिया था जब एक मीटिंग के दौरान उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन पार्टी उन्हें पार्टी नेतृत्व छोड़ने की अनुमति नहीं दे सकती है। मैंने उन्हें इस पद को स्वीकार करने के लिए राजी किया, अन्यथा पार्टी अध्यक्ष नहीं होगा। और हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि अब आपके दोबारा चुने जाने के बाद हम आपके मिशन को आगे बढ़ाएंगे।'
अटकलें थी कि अब्दुल्ला के पद छोड़ने के बाद उनके बेटे एवं नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इसके नए प्रमुख बन सकते हैं। उमर को 2002 में पार्टी अध्यक्ष चुना गया था और वह 2009 तक इस पद पर बने रहे। उसके बाद उन्होंने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने से पहले नेकां अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, ‘‘मैं अब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा। इस पद के लिए चुनाव पांच दिसंबर को होगा। अब समय आ गया है कि नयी पीढ़ी इस जिम्मेदारी को संभाले। पार्टी का कोई भी सदस्य इस पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।’’ फारूक अब्दुल्ला पहली बार 1983 में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष बने थे।