जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके में मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख अबू इस्माइल और उसका सहयोगी अबू कासिम के मारे जाने के बाद किसी अप्रिय वारदात को रोकने के लिए पुराने इलाके और शहर-ए-खास में लगायी गयी एक दिन की पाबंदी हटा लेने के बाद आज जनजीवन सामान्य हो गया।
इसी बीच एतिहासिक जामा मस्जिद के सभी दरवाजे आज लोगों के लिए खोल दिये गये। इन दरवाजों को कल लगातार दूसरे सप्ताह भी बंद रखा गया था। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुक के गढ में स्थित इस मस्जिद में कल जुमे की नमाज भी नहीं अदा की जा सकी।
जिलाधिकारी ने किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कल श्रीनगर जिले के नौहट्टा, एम आर गंज, रैनावारी, खानयार और सफाकदल थाना क्षेत्रों में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी। जिले के किसी दूसरे हिस्से या घाटी में कहीं भी किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लागू की गई है।
गौरतलब है कि सितंबर में दूसरी बार पुराने इलाके और शहर-ए-खास में पाबंदियां लागू की गईं हैं। कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए अगस्त में बार-बार पाबंदियां लागू की गईं थीं।
दोनों इलाकों में पाबंदी हटाने के बाद सभी सड़कों से कंटीली तारें हटा ली गईं हैं। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले हुए हैं। सभी मार्गों पर वाहन चल रहे थे और यातायात सामान्य था। सभी शैक्षणिक संस्थान खुल गये। सरकारी कार्यालयों और बैंकों में कामकाज सामान्य ढंग से चल रहा है।