सरकार ने जम्मू कश्मीर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग परियोजना को आज मंजूरी दे दी। इसका मकसद कश्मीर घाटी तथा लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराना है जो जाड़ में भारी हिमपात के कारण दुनिया के शेष हिस्सों से कटा रहता है। इस परियोजना की कुल लागत 6,809 करोड़ रुपये है।
जोजिला र्दा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की रूंचाई पर है। जाड़ में (दिसंबर से अप्रैल) भारी हिमपात और हिमस्खलन के कारण लेह-लद्दाख क्षेत्र कश्मीर से कटा रहता है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने श्रीनगर-लेह खंड पर दो लेन वाली सुरंग परियोजना के निर्माण, परिचालन और रखरखाव को मंजूरी दे दी। बयान के अनुसार श्रीनगर, करगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क सुविधा के साथ परियोजना इन क्षेत्रों में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक विकास में मददगार साबित होगी। इसमें कहा गया है, परियोजना का रणनीतिक और सामाजिक-आर्थिक महत्व है और जम्मू कश्मीर के पिछड़ जिलों में विकास का रास्ता खुलेगा।
परियोजना की निर्माण अवधि सात साल है। बयान के अनुसार, परियोजना के निर्माण पर 4,899.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वैसे कुल पूंजी लागत 6,808.69 करोड़ रुपये है। इसमें जमीन अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्र्थापना तथा निर्माण पूर्व गतिविधियों की लागत शामिल हैं। इसके अलावा इसमें चार साल तक सुरंग के रखरखाव और परिचालन लागत भी शामिल है। आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि वह जम्मू कश्मीर में 4,899 करोड़ रुपये की जोजिला र्दा सुरंग परियोजना के लिये सबसे कम बोली लगानी कंपनी के रूप में उभरी है। आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन ने कहा है, हम यह सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी जोजिला सुरंग परियोजना के लिये सबसे कम बोली लगाने वाली फर्म के रूप में उभरी है। कंपनी ने परियोजना के लिये 4,899.42 करोड़ रुपये की बोली लगायी। इसे 2,555 दिनों (सात साल) में पूरा किया जाएगा।
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