जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35ए को सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती के बारे में उसका यह रूख जस का तस रहेगा, कि शीर्ष अदालत में इस मामले में बहस निर्वाचित सरकार को करना चाहिए। राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जहां तक अनुच्छेद 35ए की बात है, राज्यपाल (सत्य पाल मलिक) ने कई बार यह स्पष्ट कहा है कि यह एक निर्वाचित सरकार नहीं है और सही यही होगा कि राज्य की चुनी हुई सरकार ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में लड़े।’’
सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव करवाने के वक्त और सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई को स्थगित करने के बीच कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले और बाद में सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए को लेकर सुनवाई कई बार स्थगित हुई है।
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यह अकस्मात ही हुआ है कि मामला जनवरी में सूचीबद्ध है और पंचायत चुनाव उससे पहले होने हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इन सब पर तब चर्चा होनी चाहिए जब निर्वाचित सरकार राज्य में हो, जो सुप्रीम कोर्ट में दृढ़ रुख अपना सके। इसलिए यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि राज्यपाल शासन अनुच्छेद 35ए पर फैसला लेने के बारे में नहीं है।’’