उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ने राजनीतिक हलकों में उथल-पुथलभरा माहौल बना दिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को आरोप लगाया कि जहां कहीं भी मानवाधिकारों और गरिमा को ठेस पहुंची है, वहां धारा 144 लागू करना केंद्र के पसंदीदा नजरिये के रूप में सामने आया है।
One can’t even compare the oppression unleashed in J&K since 2019 but the common denominators are obvious. What started in J&K was sadly met with an air of indifference & has now engulfed the entire country. When will we speak up?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 4, 2021
मुफ्ती का केंद्र पर तीखा जुबानी हमला-
उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने ही लोगों के खिलाफ कड़ा रूख रखती है लेकिन चीनी सैनिकों का बाहें खोल कर स्वागत करती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। कई विपक्षी नेताओं ने रात में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।
धारा 144 लागू करना भारत सरकार का पसंदीदा दृष्टिकोण- महबूबा
पीडीपी प्रमुख ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जहां भी मानवाधिकारों और गरिमा को कुचला जाता है, वहां धारा 144 लागू करना भारत सरकार के पसंदीदा दृष्टिकोण के रूप में सामने आया है। यह सरकार अपने ही लोगों के साथ कड़े रूख का उपयोग करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाती, लेकिन खुले हाथों से चीनी सैनिकों का स्वागत करती है।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में किए गए उत्पीड़न की तुलना भी नहीं की जा सकती है। जम्मू-कश्मीर में उदासीनतापूर्ण रवैये के साथ जो कुछ शुरू हुआ था, वह अब पूरे देश में फैल गया है। हम कब बोलेंगे?’’ लखीमपुर खीरी की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश नया जम्मू-कश्मीर बन गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश ‘नया जम्मू-कश्मीर’ है।’’