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जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानून के क्रियान्यन के ढांचे की स्थापना को जल्द पैकेज की घोषणा करेगी सरकार

सरकार जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक केंद्रीय कानूनों के क्रियान्यन को लेकर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए जल्द ही करोड़ों रुपये के पैकेज की घोषणा कर सकती है।

सरकार जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक केंद्रीय कानूनों के क्रियान्यन को लेकर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए जल्द ही करोड़ों रुपये के पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस महीने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के मद्देनजर सरकार के लिए ये कदम उठाने की जरूरत है। 
इस निर्णय के बाद 106 केंद्रीय कानून राज्य में 31 अक्टूबर, 2019 से पूरी तरह लागू हो जाएंगे। बदलाव की इस अवधि के दौरान 30 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय और राज्य कानून दोनों लागू रहेंगे। 
एक सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकर जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष पैकेज पर काम कर रही है। राज्य में केंद्रीय कानूनों के क्रियान्वयन के लिए करोड़ों रुपये के निवेश की जरूरत होगी। 
सूत्र ने बताया कि केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह श्रम, बिजली, अक्षय ऊर्जा और मानव संसाधन विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के 12 से अधिक मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परियोजनाओं और कोष की जरूरत पर चर्चा हुई थी। 
सूत्र ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के अनुसार पैकेज की राशि का अभी आकलन नहीं किया गया है। 
इस प्रस्ताव को जल्द व्यय वित्त समिति के पास भेजा जाएगा। इसकी सार्वजनिक घोषणा से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल भी इसकी समीक्षा कर सकता है। 
अन्य प्रस्तावों के अलावा श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक नए अस्पताल का प्रस्ताव किया गया है। केंद्र सरकार को बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून, 2009 के क्रियान्वयन के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च करने की जरूरत होगी। 
राज्य के लोगों को विभिन्न लाभ और सब्सिडी के प्रत्यक्ष अंतरण के लिए केंद्र सरकार को वहां आधार को भी लागू करना होगा। 

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