पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने बुधवार को कहा कि अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा ‘दुर्भाज्ञपूर्ण’ है और इससे प्रदेश में शांति के प्रयासों को ‘झटका’ लगा है।
अदालत ने फैसला सुनाया लेकिन न्याय नही किया – गुपकार प्रवक्ता
पीएजीडी के प्रवक्ता मोहम्मद युसूफ तरगामी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हमें डर है कि इससे क्षेत्र में अशांति फैलेगी तथा अलगाव एवं अलगाववादी भावनाओं को और बढ़वा मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने अपना फैसला तो सुना दिया, लेकिन न्याय नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कॉरपोरेट मीडिया द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा विजयवाद उल्टा साबित होगा।’’ पीएजीडी ने मलिक को इस फैसले को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी अवसरों का उपयोग करने का सुझाव दिया है।
उल्लेखनीय है कि पीएजीडी का नेतृत्व नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला कर रहे हैं और वे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस चाहते हैं।
क्या हैं गुपकार संगठन
दरअसल केंद्रशासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कराने के मकसद से जो बहुदलीय समूह का निर्माण किया गया है उसे ही ‘पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लयरेशन’ (पीएजीडी) या गुपकार कहा जाता है. श्रीनगर में एक गुपकार रोड भी है और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का यहीं पर आवास है. पीएजीडी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित जम्मू-कश्मीर में मुख्य धारा की सात राजनीतिक दलों का गठबंधन है जो जम्मू-कश्मीर को पहले की भांति विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।