पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुँच रहे है जहाँ मातम पसरा हुआ है और देश के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे है। इन्ही शहीद जवानों में से एक थे शहीद जवान कांस्टेबल तिलक राज। ये हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वाली सब डिविजन के ग्राम पंचायत नाना के जंदरोह धेवा गांव के रहने वाले थे।
तिलक राज के शहीद होने पर पूरे गाँव में शोक की लहर है और हिमाचल प्रदेश सरकार ने शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। आपको बता दें तिलक राज अपने परिवार का इकलौता सहारा थे और उनके शहीद होने से अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बीती 11 फरवरी को तिलक राज घर आये हुए थे और उनके शहीद होने के 22 दिन पहले तिलक राज के घर उनके बेटे का जन्म हुआ था। इस ख़ुशी के मौके पर तिलक राज छुट्टी लेकर घर आये थे और बेटे का नामकरण किया था। लोकगायकी के शौक़ीन तिलक राज छुट्टी बिताकर अपनी यूनिट वापस लौटे थे।
तिलक राज के बेटे के जन्म के 22 दिन बाद ही हुई उनकी शहादत से मासूम के सर से पिता का साया उठ गया है। आपको बता दें शहीद जवान तिलक राज का का बड़ा बीटा अभी सिर्फ 3 साल का है और अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी अब उनकी पत्नी पर आ गयी है।
तिलक राज के पिता मेहनत मजदूरी करते है और एक बड़ा भाई है जो पंजाब में नौकरी करता है पर घर की आर्थिक मदद का सबसे बड़ा सहारा तिलक राज ही थे। अब पूरा गाँव अपने शहीद जवान के पार्थिव शरीर का नाम आँखों से इंतजार कर रहा है।
इस आतंकी हमले के बाद तिलक राज के करीबियों और परिवार के साथ साथ पूरे गांव में गुस्सा और विरोध है और पाकिस्तानी आतंकी गतिविधियों का मुंह तोड़ जवाब देने की मांग कर रहा है। उम्मीद की जा रही है की आज दोपहर तक शहीद तिलक राज का शरीर उनके गाँव पहुँच जायेगा।
आपको बता दें बीते गुरूवार 14 फरवरी को पुलवामा में हुए कायराना फिदायीन आतंकी हमले में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान शहीद हुए है। देशभर में आक्रोश फुट रहा है और सरकार के साथ देश का हर एक नागरिक शहीदों के परिवार के साथ है।