केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जानकारी दी है कि 2020 में 15 नवंबर तक आतंकवादी घटनाओं की संख्या 63.93% घट गई है। साथ ही विशेष बलों के शहीद होने में 29.11% की कमी आई है। इसके अलावा 2019 की तुलना में 2020 में 14 नवंबर तक नागरिकों की हताहत होने में 14.28% की कमी आई है। भारत सरकार की कश्मीर नीति कितनी सफल रही है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा और आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में काफी गिरावट देखी जा रही है।
एमएचए की रिपोर्ट में कहा गया है, प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत पाक अधिकृत कश्मीर और छंब से 36,384 विस्थापित परिवारों को प्रति परिवार 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थी के 5,764 परिवारों के लिए प्रति परिवार 5.564 रुपये की दर से एकमुश्त वित्तीय सहायता भी पाक अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के बराबर उपलब्ध कराई जा रही है। गृह मंत्रालय ने सालाना उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए यह भी कहा कि केंद्र और राज्य कानूनों को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू करना सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-A के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। अनुच्छेद 370 और 35 A के निरस्त होने के बाद गृह मंत्रालय ने कई कानूनों में संशोधन किए तो कई निरस्त कर दिए तो वहीं कई नए कानून लागू कर दिए।
गृह मंत्रालय ने वार्षिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य कानूनों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपनाना केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। जम्मू-कश्मीर के मामले में 48 केंद्रीय कानूनों और 167 राज्य कानूनों को लागू करने के आदेश जारी किए जा चुके है।
वहीं, लद्दाख में 44 केंद्रीय कानूनों और 148 राज्य कानूनों के लागू करने के आदेश दिए गए। केंद्र सरकार ने 31 मार्च को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम आदेश, 2020 जारी कर किया था। यह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 75 के से जुड़ी कठिनाइयों को दूर करता है।