केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है जिन्होंने जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधों को लेकर अगस्त में इस्तीफा दे दिया था।
वर्ष 2012 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित क्षेत्र (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी गोपीनाथन ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को अनुचित बताते हुए त्यागपत्र भेज दिया था। प्रतिबंधों को उन्होंने ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से वंचित करना’’ करार दिया था।
स्वामीनाथन ने गृह मंत्रालय द्वारा खुद को जारी किए गए नोटिस को अपने टि्वटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन पर संभवत: ये आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने ‘‘सरकार की नीतियों पर अनधिकृत रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से बात कर विदेशी देश सहित अन्य संगठनों से केंद्र के संबंधों को उलझन में डाला है।’’
गृह मंत्रालय ने अपने नोटिस में कहा है कि अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन और अपील) नियम 1969 के तहत गोपीनाथन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है।
मंत्रालय ने कहा कि अधिकारी का त्यागपत्र ‘‘सक्षम प्राधिकार के अधीन लंबित निर्णय परीक्षण की स्थिति में है।’’
इसने अधिकारी से 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
गोपीनाथन विद्युत विभाग, केंद्रशासित क्षेत्र दमन दीव और दादर नगर हवेली के सचिव थे। उन्होंने 21 अगस्त को गृह मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेजा था।
अधिकारियों ने इसके एक सप्ताह बाद उनसे कहा था कि वह ड्यूटी शुरू करें और इस्तीफा स्वीकार होने तक काम करना जारी रखें।