जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात राज्य विधानसभा को भंग कर दिया। यह उस वक़्त हुआ है जब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं राज्य विधानसभा भंग होने के बाद सत्यपाल मलिक का बयान सामने आया है। सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं राज्यपाल के रूप में अपनी नियुक्ति के दिन से यह कह रहा हूं कि मैं राज्य में गठित किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हूं, जिसमें अंडरहाइड डिफेक्शन और घोड़े के व्यापार के साथ है। मैं चाहूंगा कि चुनाव आयोजित किए जाए और चयनित सरकार राज्य का फैसला करेगी।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मुझे पिछले 15 दिनों के घोड़े के व्यापार के लिए शिकायतें मिल रही हैं और विधायकों को धमकी दी जा रही है। मेहबूबा मुफ्ती ने खुद शिकायत की कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। दूसरी पार्टी ने कहा कि पैसे के वितरण की योजना है। मैं इसे होने की इजाजत नहीं दे सका। ये बल वो हैं जो जमीनी लोकतंत्र बिलकुल नहीं चाहती थीं और अचानक ये देखकर कि हमारे हाथ से चीजें निकल रही हैं ,एक अपवित्र गठबंधन करके मेरे सामने आ गए। सत्यपाल मलिक ने कहा मैंने किसी से पक्षपात नहीं किया। मैंने जो जम्मू-कश्मीर कि जनता के पक्ष में था वो काम किया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात
जानकारी के अनुसार गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अपने चुनावी दौरे से लौट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस बैठक में राज्य के हालात पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि राज्य में अब चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक ये भी मानना है कि विधानसभा पहले भी भंग हो सकती थी, लेकिन सुरक्षा कारणों और निकाय चुनाव के कारण नहीं हो पाई।