जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा दिए गए बयान से राजनीति गर्मा गई है। दरअसल, एक कार्यक्रम में उन्होंने बयान दिया कि अगर वह दिल्ली की तरफ देखते तो उन्हें सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती। हालांकि, बयान पर विवाद होता देख उन्होंने तुरंत सफाई भी दी।
सत्यपाल ने कहा कि दो दिन पहले मैं दिल्ली में सबसे मिलकर आया था इसलिए मैंने उनसे पूछा नहीं। अगर मैं उनसे पूछता तो वो कहते की सज्जाद लोन को मौका दे दो। सज्जाद लोन तो मुझसे कह रहा था कि मुझे छह दिन दो मैं सरकार बना दूंगा। किसी को सरकार बनाने का निमंत्रण देकर विधायकों की खरीद फरोख्त का मौका नहीं दे सकते।
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सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने दिल्ली से बिना पूछे, सलाह-मशविरा किए और दिल्ली से बिना आदेश लिए विधानसभा भंग करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली से आदेश लेने पर बड़ा खतरा था। महबूबा मुफ्ती सिर्फ अपना हल्ला मचा रहे हैं वो ये नहीं देख रहे कि हमने सज्जाद लोन को भी नहीं बुलाया और वहां की सरकार की जनता का दोनों से पिंड छुड़वा दिया।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद वहां राज्यपाल शासन लागू है। राज्यपाल शासन की मियाद पूरी होने जा रही थी, जिसके मद्देनजर राज्य में सरकार बनाने को लेकर जोड़-तोड़ चल रही थी। इसी के मद्देनजर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का फैसला किया था।