कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है, पार्टी की अंदरूनी कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के तमाम नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए अपने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया तो वहीं दूसरी ओर गुलाम नबी आजाद ने कठुआ में बड़ी रैली की, इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। उधर, कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के इस शक्ति प्रदर्शन के बाद उन्हें डिसिप्लिनरी ऐक्शन कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
गुलाम नबी आजाद का ऐलान- वही करेंगे जो प्रदेश की बेहतरी के लिए जरूरी
इसके साथ ही आजाद ने कहा कि वह वही करेंगे जो जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं और जो केंद्र शासित प्रदेश की बेहतरी के लिए जरूरी है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी करते हुए, 4 पूर्व मंत्रियों और 3 पूर्व विधायकों ने कांग्रेस पदों से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी मामलों पर सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया गया है।
आजाद ने अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में कहा, “मैं वह करूंगा जो जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि मैं इस राज्य की बेहतरी के लिए काम करूं।”
इस्तीफा दे चुके विधायक बोले- केवल आजाद को CM के रूप में करेंगे स्वीकार
जिन नेताओं ने रैली में आजाद के साथ मंच साझा किया और कांग्रेस में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया, यह कहते हुए कि केवल आजाद ही उन्हें जम्मू-कश्मीर में पार्टी के चेहरे के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार हैं, न कि कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर।
पार्टी के पद से इस्तीफा देने वाले नेताओं में शामिल पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा ने कहा, “मीर हमें स्वीकार्य नहीं हैं। हम आजाद साहब चाहते हैं और उन्हें पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने पार्टी और इस क्षेत्र के लिए बहुत त्याग किया है।” कठुआ में आजाद के नेतृत्व वाली रैली में।
इस्तीफे के बारे में आजाद को नहीं थी जानकारी
आजाद ने कहा कि उन्हें कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे के बारे में आज समाचार पत्रों के माध्यम से ही पता चला। उन्होंने कहा, “मैं उसमें (पार्टी नेताओं द्वारा इस्तीफा) पार्टी नहीं हूं। मुझसे सलाह नहीं ली गई। मैंने खुद इसे अखबारों में पढ़ा।” दिग्गज नेता ने कहा कि नेताओं ने उनसे बात नहीं की क्योंकि यह उनका निजी नजरिया है।आजाद बोले “मेरे लिए, हर कोई समान है। मैं एक टीम या दूसरी टीम के साथ नहीं हूं। मैं एक या दूसरे समूह से जुड़ा नहीं हूं।”
शक्ति प्रदर्शन करने से किया इंकार, कही यह बात
राज्य कांग्रेस में अपने वफादारों द्वारा उठाई गई शिकायतों के मुद्दे पर आजाद ने कहा, “शिकायतें हुई हैं।” जम्मू-कश्मीर में शक्ति प्रदर्शन करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह ‘शक्ति दर्शन’ नहीं है। “मैं जम्मू और कश्मीर के आंतरिक क्षेत्रों की यात्रा करता हूं। लंबे समय तक यह राज्य के विभाजन के कारण और फिर कोविड-19 महामारी के कारण संभव नहीं था। यह सिर्फ लोगों के बारे में जानने के लिए है।”
कांग्रेस पार्टी में है आंतरिक लोकतंत्र
कांग्रेस में आंतरिक कलह पर आजाद ने कहा कि यह सत्ताधारी दल में भी है, “हमारे पास (कांग्रेस में) अधिक आंतरिक लोकतंत्र है। यहां तक कि उनके मंत्री भी सरकार के खिलाफ बोलते हैं। यह आंतरिक झगड़ा नहीं होना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा हो रहा है।”