लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

घुसपैठ तथा दक्षिण कश्मीर की स्थित बनी सुरक्षा बलों के लिए परेशानी का सबब

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ पर लगाम लगाने तथा स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने से रोकने में नाकामयाबी कुछ

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ पर लगाम लगाने तथा स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने से रोकने में नाकामयाबी कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो सुरक्षा एजेंसियों की परेशानी का लगातार सबब बने हुए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अगर 2018 के मामलों के देखा जाए तो यह स्पष्ट है कि घुसपैठ की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। इस अवधि में कम से कम 140 आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसे। इनमें से अधिकतर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के माने गए हैं।

घुसपैठ के दौरान कम से कम 110 आतंवादी मारे गए लेकिन सीमा पार कर इस ओर आतंकवादियों का सफलतापूर्वक आना सुरक्षा एजेंसियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

राजनाथ लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा घोषणापत्र कमेटी के प्रमुख होंगे 

सेना और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों की हाल ही में हुई बैठक में यह बात सामने आई कि घुसपैठ निरोधक ग्रिड को और मजबूत करने की जरूरत है क्योंकि आतंकवादी सर्दी के मौसम में घुसपैठ की और घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, ‘‘यह केवल जम्मू के पुंछ से ले कर कश्मीर के कुपवाड़ा तक फैली नियंत्रण रेखा की बात नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की भी समस्या है जिसे आतंकवादी संगठन पार करते हैं।’’

प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की जानकारी रखने वाले एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी में अब भी 130 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं जिनका काम स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देना है।

घुसपैठ के अलावा स्थानीय युवाओं को आंतकवादी संगठन में शामिल होने से रोक पाने में नाकामयाबी सुरक्षा बलों को परेशान किए हुए है। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों से 100 से ज्यादा लोग आतंकवाद की राह पकड़ चुके हैं।

यदि दक्षिण कश्मीर से मामलों को बारीकी से देखा जाए तो पिछले साल यहां 104 स्थानीय आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं। इससे पता चला है कि यह इलाका स्थानीय आतंकवादियों के प्रभुत्व वाला है।

गौरतलब है कि अनंतनाग,कुलगाम, पुलवामा और शोपियां-चार जिले से बना दक्षिण कश्मीर क्षेत्र हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी के जुलाई 2016 में मारे जाने के बाद से ही अशांत है।

अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि आतंकवादी गुटों के खुफिया नेटवर्क ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है जिससे आतंकवादियों को सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में पता चल जाता है और उन्हें भागने में मदद मिलती है। भाषा शोभना उमा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 + 11 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।