जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटने के बाद आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को तोड़ने में काफी कामयाबी मिली है। केंद्र की मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ जीरो सहनशीलता की रणनीति से पूरे कश्मीर घाटी में बहुत हद तक बदलाव आया है।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और आतंकवादियों की खान कहे जाने वाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) अब आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स के साथ-साथ हाइब्रिड आतंकवादियों को घाटी में सुरक्षा बलों के शिविरों और चौकियों पर हमला करने के लिए प्रेरित कर रही है।
आतंकी संगठन सक्रिय, ISI का निर्देश
खुफिया इनपुट के हवाले से सूत्रों ने पुष्टि की है कि आईएसआई ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और नव-निर्मित 'द रेजिस्टेंस फोर्स' के आकाओं से कहा है कि वे अपने कैडर को सुरक्षा बलों के शिविरों और चौकियों पर हमला करने का निर्देश दें।
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उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भारी हथियारों से लैस आतंकवादी जो पहले घाटी में घुस गए थे, वे सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला कर सकते हैं, इसलिए बिना किसी ढिलाई के अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
अमित शाह के ताजा दौरे के बाद चिंता का विषय
उन्होंने कहा कि पुंछ में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान ने इन आतंकवादी समूहों की तैयारी के स्तर का संकेत दिया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद सक्रिय हुए उच्च सुरक्षा तंत्र के बावजूद, ये इनपुट चिंता का विषय हैं। हालांकि, अभियान में शामिल अधिकारियों ने कहा कि किसी भी अप्रिय प्रयास को रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा बल कर रहे मजबूती से तैयारी
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा, सुरक्षा बलों के शिविरों में बैरिकेड्स और मजबूत बंकर लगाए गए हैं और आवासीय परिसरों पर सुरक्षा कड़ी की गई है। श्रीनगर सहित केंद्रशासित प्रदेश में शहरों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर पर्याप्त सुरक्षा तैनाती की गई है। रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है, जबकि सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त गश्त पहले ही तेज कर दी गई है।
