इस्लामिक विद्वानों, प्रचारकों ने जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति मांगी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

इस्लामिक विद्वानों, प्रचारकों ने जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति मांगी

जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और प्रचारकों की शीर्ष संस्था मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा(एमएमयू) ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार की नमाज जामिया मस्जिद में अदा करने की अनुमति देने की अपील की।

जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और प्रचारकों की शीर्ष संस्था मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा(एमएमयू) ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार की नमाज जामिया मस्जिद में अदा करने की अनुमति देने की अपील की। एमएमयू की एक बैठक में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में उसके संरक्षक और कश्मीर के शीर्ष धार्मिक नेता मीरवाइज मोहम्मद उमर फारूक की पिछले तीन वर्षों से ‘‘गैरकानूनी हिरासत’’पर चिंता व्यक्त की गई और सरकार से उन्हें रिहा करने की अपील की गई।
पारित प्रस्ताव में कहा गया,‘‘ मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा इस प्रस्ताव में शासकों तथा प्रशासन से दोबारा अपील करता है कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के संबंध में बाधाएं नहीं डाली जाएं ताकि मुसलमान बिना किसी रुकावट के यहां अल्लाह की इबादत कर सकें ,यह कश्मीर में प्रार्थना का सबसे बड़ा स्थान है।’’
गौरतलब है कि अगस्त 2019 से मस्जिद अधिकतर वक्त बंद ही रही है । कोरोना वायरस संक्रमण के कारण भी इसे बंद रखा गया था।एमएमयू ने फारूक की नजरबंदी पर कहा कि उन्हें ‘‘मनमाने और अवैध तरीके से हिरासत’’में लिए जाने के कारण उसके सभी काम ठप है। प्रस्ताव में सरकार से फारूक को ईद उल जुहा के मौके पर शीघ्र रिहा करने की मांग की गई ताकि वे सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन कर सकें।
कश्मीर को सर्वांगीण सुधार की सख्त जरूरत
कश्मीर में वर्तमान सामाजिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, एमएमयू ने कहा कि उसे लगता है कि समाज के सर्वांगीण सुधार की सख्त जरूरत है।इसमें कहा गया है,  शादी और अन्य समारोहों में फिजूलखर्ची स्पष्ट है और इसे कम करने की जरूरत है। हमें जीवन के सभी मामलों में पैगंबर मुहम्मद की परंपरा का पालन करना चाहिए।  प्रस्ताव में लोगों से ईद-उल-अजहा को सादगी से और इस्लामी परंपरा के अनुरूप मनाने का भी आह्वान किया गया। शुक्रवार को कश्मीर की सभी मस्जिदों में प्रस्ताव पढ़ा जाएगा।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + 19 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।