जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी सहयोगी एवं पूर्व राजनीतिक सलाहकार पीर मंसूर पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगा दिया है।
केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद अब तक तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित नौ नेताओं पर पीएसए लगाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंसूर को विधायक हॉस्टल में बुधवार रात एक नोटिस देकर बताया गया कि उन पर पीएसए लगाया गया है। उन्हें पांच अगस्त से पहले से विधायक हॉस्टल में हिरासत में रखा गया है।
सुश्री मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर छह फरवरी को पीएसए लगाया गया था। दो और नेताओं, नेशनल कांफ्रेंस महासचिव अली मोहम्मद सागर और पीडीपी नेता सरताज मदना पर भी पीएसए लगाया गया है। यह आदेश छह महीने की नजरबंदी के आखिरी दिन आया था।
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य हिलाल लोन, सांसद अकबर लोन और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख डॉ. शाह फैसल के खिलाफ भी पीएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि इन नेताओं ने प्रशासन के हलफनामे पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया कि वे राज्य की विशेष स्थिति का मुद्दा नहीं उठाएंगे।
एनसी अध्यक्ष और श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला पिछले वर्ष सितंबर से पीएसए के तहत अपने श्रीनगर स्थित आवास में नजरबंद है।