इस वर्ष जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा ढेर किए गए आतंकवादियों को लेकर कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने गुरुवार को कहा कि एक जनवरी से अब तक 14 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें से सात विदेशी नागरिक थे। प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाकिस्तानी आतंकवादी बाबर भाई की हत्या के बाद कुलगाम में मीडिया से बातचीत करते हुए, आईजी कश्मीर ने कहा कि मलिक और उसके परिवार, जिनके साथ मारा गया आतंकवादी छिपा था, उसने जानबूझकर खोज दल को यह कहकर गुमराह किया था, कि कोई भी आतंकवादी उनके घर में नहीं छिपा है। इसलिए उनके खिलाफ आतंकी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि कुलगाम के परिवान इलाके में एक आतंकवादी की मौजूदगी के संबंध में विशिष्ट इनपुट के आधार पर, पुलिस और सेना द्वारा बुधवार शाम एक तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी हुआ शहीद
पुलिस अधिकारी ने बताया कि, तलाशी अभियान के दौरा जैसे ही संयुक्त तलाशी दल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, छिपे हुए आतंकवादी ने संयुक्त तलाशी दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके जवाबी कार्रवाई में गोलाबारी हुई। हालांकि मुठभेड़ स्थल से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते समय एक पुलिस कर्मी, सेना के तीन जवान और दो नागरिक घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि, सभी घायलों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, पुलिस कर्मी सार्जेंट रोहित चिब्ब ने दम तोड़ दिया और शहीद हो गए। मामूली रूप से घायल हुए दो नागरिकों सहित अन्य घायलों की हालत स्थिर बताई गई है। आगामी मुठभेड़ में, एक शीर्ष पाकिस्तानी जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी बाबर भाई मारा गया और उसका शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किया गया।
वर्ष 2018 से वांछित था आतंकी : पुलिस
अधिकारी ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारा गया आतंकवादी साल 2018 से शोपियां-कुलगाम और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय एक वगीर्कृत आतंकवादी था। वह कई आतंकवादी अपराध मामलों में कानून द्वारा वांछित था। उन्होंने बताया, मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, एक पिस्तौल और दो हथगोले सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गए है। बरामद सभी सामग्रियों को आगे की जांच के लिए केस रिकॉर्ड में ले लिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।