बिहार की राजधानी पटना को हत्या के मामले में जम्मू-कश्मीर से अधिक खतरनाक बताने वाले अपने बयान पर सफाई देते हुए प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उनके बयान को ”गलत” तरीके से पेश किया गया है क्योंकि बिहार में अपराध को कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाता है।
नीतीश कुमार के शासन में बिहार को कौशल और कृषि का भंडार करार देते हुए मलिक ने कहा कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नीतीश का विकास मॉडल अपनाना चाहिए। मलिक ने राजभवन में कहा, ”बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कमार को अपराध कत्तई बर्दाश्त नहीं है। कुख्यात अपराधियों और माफियाओं को उनकी सरकार ने उखाड़ फेंका है। नीतीश को यह भी बर्दाश्त नहीं है कि कोई नेता अपराध में शामिल हो। उनका पिछला रिकार्ड यह सब बोलता है।”
राज्यपाल से उनकी कथित बयान के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों की तरह है और पटना में एक दिन में जम्मू कश्मीर से अधिक हत्या होती है। उन्होंने कहा, ”मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह गलत है। मेरा यह कहना था कि पूर्वी भारत के अधिकतर शहरों में अपराध की दर व्यक्तिगत शत्रुता के कारण है और ऐसा कश्मीर में नहीं है।”
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मलिक ने कहा कि व्यक्तिगत शत्रुता के कारण होने वाले अपराधों के लिए किसी भी मुख्यमंत्री अथवा सरकारी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं बताया जा सकता है। उन्होंने कहा, ”बिहार में ऐसे मुख्यमंत्री का होना गौरव की बात है और बाकी मुख्यमंत्रियों को उनसे सबक लेनी चाहिए। उन्हें अपराध कत्तई बर्दाश्त नहीं है।”
जम्मू-कश्मीर से अधिक पटना में हत्या की रिपोर्ट दर्ज होने संबंधी राज्यपाल के कथित बयान के लिए प्रदेश के पूर्व मख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी उन पर हमला बोला था। उमर ने कहा था, ”जम्मू कश्मीर के अन्य राज्यों की तरह बताना गलत है। बिहार के राज्यपाल रह चुके प्रदेश के राज्यपाल अगर ऐसा कह रहे हैं तो नीतीश कुमार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।” राज्यपाल ने इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तारीफ के पुल बांधे और उनकी भूरि भूरि प्रशंसा की।