जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने 'बारामूला के शेर' मकबूल शेरवानी और सिख रेजिमेंट के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।जिन्होंने हजारों कश्मीरियों की जान बचाने और पाकिस्तानी सेना के नियमित और कबायली हमलों को नाकाम करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
बारामूला में मकबूल शेरवानी को श्रद्धांजलि दी
उपराज्यपाल ने सिख युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया और फिर मकबूल मेमोरियल शीरवानी हॉल बारामूला में मकबूल शेरवानी को श्रद्धांजलि दी।उन्होंने यात्रा के दौरान मकबूल शेरवानी के परिवार, युद्ध के दिग्गजों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया।मकबूल शेरवानी के योगदान को याद करते हुए सिन्हा ने कहा, अक्टूबर 1947 में इस युवक ने पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना द्वारा किए गए बर्बर अत्याचारों से लड़ाई लड़ी और तिरंगे के गौरव की रक्षा की।
कर्तव्य के प्रति समर्पण की एक अनूठी मिसाल कायम
उपराज्यपाल ने लेफ्टिनेंट कर्नल दीवान रंजीत राय के नेतृत्व में सिख नायकों को भी याद किया, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की जमीन के हर इंच की रक्षा में समर्पण, वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण की एक अनूठी मिसाल कायम की थी।सिन्हा ने कहा, मैं अपने पूर्वजों के बलिदान को भी सलाम करता हूं, जिन्होंने हमारा झंडा ऊंचा रखा और प्रगति की राह पर हमारी यात्रा को निर्बाध रूप से सुनिश्चित किया। युवाओं को उन विचारों और आदर्शो से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे भाग्य को आकार दिया।